Sunday, December 22, 2024
Uncategorized

तीनों ने हिंदू नाम रख लिए,सोने की तस्करी के लिए,मेडिकल चेक अप में तीनो निकले….

पिछले दिनों पटना एयरपोर्ट से सोने की तस्करी (Gold Smuggling on Patna Airport) का मामला सामने आया था। लगभग डेढ़ किलो सोने के साथ तीन तस्करों को पटना एयरपोर्ट पर गिरफ़्तार किया गया था। इस मामले में अब नया मोड़ आ गया है जो देश की सुरक्षा से जुड़ा है।

दरअसल सोने की तस्करी का यह मामला अब टेरर फंडिंग (Terror Funding) से जुड़ता नज़र आ रहा है। तस्करी के आरोप में जिन लोगों को गिरफ़्तार किया गया था, उनकी वास्तविक पहचान अब सामने आई है। कस्टम विभाग ने इस मामले में हितेश जैन, अरुण और मोहम्मद आरिफ को गिरफ़्तार किया था।

चौंकाने वाली बात यह है कि पूछताछ के दौरान हितेश जैन की सही पहचान मोहम्मद अफसर के रूप में आया है। वहीं, दूसरे आरोपित अरुण की सही पहचान मोहम्मद रिजवान के तौर पर हुई है, जबकि तीसरे आरोपित मोहम्मद आरिफ का नाम तो सही है, लेकिन उसका वास्तविक पता सामने आया है।

क्या है पूरा मामला ?

अब आपको पूरा मामला समझाते हैं। 10 नवंबर को अहमदाबाद से इंडिगो की फ्लाइट संख्या 6E 921 से तीन लोग पटना पहुँचते हैं। खुफिया जानकारी के आधार पर कस्टम विभाग की टीम फ्लाइट से बाहर आ रहे लोगों में से इन्हें अलग करती है और जाँच शुरु कर देती है।

तलाशी के दौरान तीनों के पास से दुबई के होलोग्राम वाला 1 किलोग्राम का एक और बाकी चार अन्य बिस्कुट मिले। सोने की कीमत लगभग 77 लाख रुपए आँकी गई। कस्टम विभाग ने सोना को जब्त करते हुए तीनों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए लोगों के नाम हितेश जैन, अरुण और मोहम्मद आरिफ के रुप में सामने आए।

इसके बाद के इंवेस्टिगेशन में जो जानकारी सामने आई वह बेहद चौंकाने वाली है। तीनों तस्कर फर्जी वोटर कार्ड पर यात्रा कर रहे थे और अपनी वास्तविक पहचान छिपा रखी थी। दैनिक भास्कर के रिपोर्ट के मुताबिक, तीन तस्करों में 2 दिल्ली में और तीसरा अहमदाबाद में रह रहा था।

हितेश जैन नाम के आरोपित का असली नाम मोहम्मद अफसर सामने आया और उसके पिता का असली नाम अताउल्लाह है। अरुण नाम का शख़्स ‘रिजवान’ निकला। अरुण ने पहले अपने पिता का नाम शिव कुमार और पता खेड़ा कॉलोनी, स्वरूप नगर, दिल्ली बताया था। सख्ती से पूछताछ के दौरान उसने अपना नाम रिजवान और पिता का नाम खुर्शीद बताया। वह दिल्ली के सीलमपुर के घड़ी मंडी का रहने वाला है।

तीसरे ने अपना नाम आरिफ तो सही बताया था, लेकिन अपने पिता के नाम के साथ पता बदल दिया था। मोहम्मद आरिफ ने पहले अपना पता नैथला हसनपुर जूनियर हाई स्कूल, बुलंदशहर बताया था। बरामद किए गए फर्ज़ी वोटर आईडी कार्ड पर उसके पिता का नाम सुबराती लिखा है। जाँच में पता चला कि आरिफ बापू नगर अहमदाबाद का रहने वाला है।

चुनाव आयोग की साइट से छेड़छाड़

यदि आप इतना ही सोच रहे हैं कि मामला नाम बदलकर तस्करी करने का है तो ठहरिए अभी और भी चौंकाने वाली बातें सामने आने वाली हैं। अब तक की जाँच में पता चला है कि तीनों शातिर जिस वोटर आईकार्ड का इस्तेमाल कर रहे थे, वह चुनाव आयोग (EC) की साइट से छेड़छाड़ कर बनाया गया था।

तस्करों का सरगना कौन?

तस्करों ने अब तक जो जानकारी दी है, उसमें यह साफ नहीं हो पाया है कि सोने का बिस्कुट आखिर है किसका और इस गिरोह का सरगना कौन है? उन्होंने जानकारी दी है कि ‘आका ने कहा था कि जिस फ्लाइट में वे पटना जाएँगे, उसमें सीट के नीचे सोने के बिस्कुट रखे होंगे’। यह आका कौन है, इसका पता लगाया जा रहा है।

पूछताछ के दौरान तीनों की भाषा और बोली से अधिकारियों को शक हुआ। ये कुछ वैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे, जो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बोली जाती हैं। कड़ी पूछताछ में तीनों तस्कर टूट गए और अपनी वास्तविक पहचान जाहिर कर दी।

अब भी कई ऐसी बातें हैं, जिनका पता लगाया जाना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी है। यह जानना जरूरी है कि अफसर और रिजवान ने अपनी पहचान छिपाने के लिए हिंदू नामों को ही क्यों चुना? सोने का बिस्कुट हवाई जहाज में सीट के नीचे तक कैसे पहुँचा? दुबई का सोना अहमदाबाद तक कैसे पहुँचा? इसे पटना से कहाँ ले जाया जा रहा था? क्या सोने का टेरर फंडिंग से लेना-देना है?

Leave a Reply