Monday, September 16, 2024
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सनसनीखेज शर्मनाक खुलासा: राहुल गांधी का कार्यक्रम करवाने वाले पाकिस्तानी, दोगलापन धोखा भूल या लापरवाही

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की हालिया 10 दिवसीय संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा भारत की खुफिया एजेंसियों की रडार पर है। द संडे गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में राहुल गांधी के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिनमें से इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (IAMC) और इस्लामिक सर्किल ऑफ नॉर्थ अमेरिका (ICNA) ने भी कार्यक्रमों का आयोजन किया था।

लेकिन, ये दोनों इस्लामिक संगठन कुछ और नहीं, बल्कि पाकिस्तान के ‘प्यादे’ हैं। इन दोनों संगठनों के ऊपर आरोप हैं, कि ये पाकिस्तान का खाते हैं और पाकिस्तान के लिए बजते हैं। यानि, आरोप ये हैं, कि इनका काम भारत विरोधी एजेंडों को बढ़ाना है। द संडे गार्जियन के मुताबिक, IAMC और ICNA, दोनों ही पाकिस्तान डीप स्टेट के जाने-माने हथियार हैं और इन दोनों संगठनों ने राहुल गांधी के लिए सभा का आयोजन किया था, लिहाजा इस कार्यक्रम में कौन-कौन लोग जुटे थे, अब उनकी स्कैनिंग की जा रही है।
क्या राहुल की सुरक्षा से हुआ समझौता?
द संडे गार्जियन ने सूत्रों के हवाले से बताया है, कि राहुल गांधी की सुरक्षा से समझौता होने के अलावा, तथ्य यह है, कि उन्हें इन दो संगठनों से जुड़े ऐसे लोगों के साथ घनिष्ठ रूप से घुलने-मिलने दिया गया था, जिससे भारत और विदेशों में खुफिया एजेंसियों के बीच उनके आसपास की धारणा को काफी नुकसान पहुंचा था।
ये दोनों ही संगठन पाकिस्तान के इशारों पर भारत विरोधी काम करने के लिए कुख्यात हैं और ये दोनों पाकिस्तान और कुछ पश्चिमी देशों की खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर भारत में अल्पसंख्यकों से अत्याचार के काल्पनिक मुद्दों को उठाकर भारत की सॉफ्ट-पावर छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए भी कुख्यात रहे हैं।

ऐसा नहीं है, कि आईएएमसी और आईसीएनए ने भारत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार बनने के बाद भारत विरोधी एजेंडो को फैलाया है, बल्कि ये 2014 में बीजेपी की सरकार बनने से काफी पहले से ही भारत के खिलाफ इस्तेमाल होते रहे हैं।

अमेरिका में भारत विरोधी कैम्पेन
IAMC का नेतृत्व रशीद अहमद कर रहे हैं, जो इस्लामिक मेडिकल एसोसिएशन ऑफ़ नॉर्थ अमेरिका (IMANA) के कार्यकारी निदेशक (2008-17) थे, जबकि IMANA के ऑपरेशनल डायरेक्टर ज़ाहिद महमूद, पाकिस्तान नौसेना के पूर्व अधिकारी हैं।

IAMC, यानि इंडियन अमेरिका मुस्लिम काउंसिल ने वाशिंगटन डीसी में भारत के खिलाफ कैम्पेन करने के लिए लॉबिंग फर्म फिदेलिस गवर्नमेंट रिलेशंस (FGR) को काम पर लगाया था। उनकी सेवाओं के लिए, IAMC ने अकेले 2013 और 2014 के बीच FGR को 40 हजार डॉलर का भुगतान किया था।
FGR को बर्मा टास्क फोर्स (BTF) द्वारा भी काम पर रखा गया था, जो भारत की आलोचना करने वाला एक और मोर्चा था। बीटीएफ की स्थापना शैक उबैद ने की थी, जिन्होंने 2018 और 2020 के बीच अमेरिकी कांग्रेस के साथ भारत के खिलाफ कैम्पेन करने के लिए एफजीआर को 267,000 डॉलर दिए थे।

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