दिशा रवि ने ग्रेटा थनबर्ग के साथ शेयर की थी गूगल टूलकिट’, सुनवाई के दौरान कोर्ट में रोने लगी
किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी टूलकिट सोशल मीडिया पर साझा करने में संलिप्तता के आरोप में एक जलवायु कार्यकर्ता को बेंगलुरू से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दिशा रवि (21) को दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ के दल ने शनिवार को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के दिशा को रविवार को कोर्ट के सामने पेश किया गया। जहां से उन्हें पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया। दिशा रवि ने ग्रेट थनबर्ग के सात टूलकिट को शेयर की थी।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि रवि को पूछताछ के लिए उनके घर से हिरासत में लिया गया और बाद में टूलकिट बनाने एवं उसके प्रसार में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया। रवि बेंगलुरु के एक निजी कॉलेज से बीबीए की डिग्री धारक हैं और वह ‘फ्राइडेज फॉर फ्यूचर इंडिया नामक संगठन की संस्थापक सदस्य भी हैं।
दिल्ली पुलिस ने अतिरिक्त जनसपंर्क अधिकारी अनिल मित्तल ने एक बयान में कहा, टूलकिट दस्तावेज से संबंधित आपराधिक साजिश से जुड़ी जांच के मामले में दिशा रवि को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया। वह टूलकिट का संपादन करने वालों में से एक हैं और दस्तावेज को बनाने एवं फैलाने के मामले में मुख्य साजिशकर्ता हैं।
अधिकारी ने कहा कि रवि का लैपटॉप और मोबाइल फोन आगे की जांच के लिए जब्त किया गया है। साथ ही पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या वह और भी लोगों के संपर्क में थी, जो इस मामले में संलिप्त हैं।
इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को गूगल और अन्य सोशल मीडिया कंपनियों से ‘टूलकिट बनाने वालों से जुड़े ईमेल आईडी, डोमेन यूआरएल और कुछ सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी देने को कहा था। जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग और अन्य ने यह ‘टूलकिट ट्विटर पर साझा की थी।
टूल किट में ट्विटर के जरिये किसी अभियान को ट्रेंड कराने से संबंधित दिशानिर्देश और सामग्री होती है। दिल्ली पुलिस के ‘साइबर प्रकोष्ठ ने भारत सरकार के खिलाफ सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक युद्ध छेड़ने के लक्ष्य से ‘टूलकिट के ‘खालिस्तान समर्थक निर्माताओं के खिलाफ चार फरवरी को प्राथमिकी दर्ज की थी।
अज्ञात लोगों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र, राजद्रोह और अन्य आरोप में भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इससे पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि शुरुआती जांच से पता चला है कि दस्तावेज के तार खालिस्तान-समर्थक समूह ‘पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन से जुड़े हैं।
उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को हुई हिंसा सहित पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रमों पर ध्यान देने पर पता चला है कि ‘टूलकिट में बतायी गई योजना का अक्षरश: क्रियान्वयन किया गया है। इसका लक्ष्य ”भारत सरकार के खिलाफ सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक युद्ध छेड़ना है।
पुलिस के अनुसार, टूलकिट में एक खंड है, जिसमें कहा गया है…. 26 जनवरी से पहले हैशटैग के जरिए डिजिटल हमला, 23 जनवरी और उसके बाद ट्वीट के जरिए तूफान खड़ा करना, 26 जनवरी को आमने-सामने की कार्रवाई और फिर दिल्ली में और उसकी सीमाओं पर किसानों के मार्च में शामिल हों। पुलिस ने बताया कि दस्तावेज ‘टूलकिट का लक्ष्य भारत सरकार के प्रति वैमनस्य और गलत भावना फैलाना और विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक समूहों के बीच वैमनस्य की स्थिति पैदा करना है।
किसानों के आंदोलन को देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी समर्थन मिल रहा था। इन सबके पीछे देश की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खराब करने की साजिश रची गई थी। किसानों के आंदोलन के माध्यम से छवि को खराब करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया गया, अब उसकी परतें धीरे-धीरे खुल रही है। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल इस पर शुरू से काम कर रही है।
इसी दिशा में सबसे पहले पर्यावरण के लिए काम करने वाली ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट का पता चला था, उस ट्वीट के माध्यम से किसानों को किस तरह से आंदोलन करना है उसकी रणनीति क्या होगी। ये सारी चीजें दुनिया भर में फैलाई गई। पुलिस ने मामला सामने आने के बाद केस दर्ज किया था, इसकी जांच चल रही है। इस दिशा में पुलिस ने बेंगलुरू से दिशा रवि नामक लड़की को गिरफ्तार किया है।
इससे पहले दिशा रवि का नाम किसी तरह से नहीं सुना गया था मगर ग्रेटा थनबर्ग के टूलकिट को एडिट करके उसे प्रमोट करने में अब दिशा रवि का नाम भी सामने आया है। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया है और पूछताछ कर रही है। हम आपको बताते हैं कि आखिर कौन है दिशा रवि? जिनका किसानों के आंदोलन में अचानक से नाम सामने आ गया, क्या है उनका ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट से कनेक्शन।
कौन है दिशा रवि
दिशा रवि बेंगलुरु के प्रतिष्ठित माउंट कार्मेल की छात्रा हैं। दिशा ने साल 2018 में ग्लोबल क्लाइमेट स्ट्राइक मूवमेंट शुरू करने वाली संस्था एफएफएफ की सह-संस्थापक हैं। उन्होंने माउंट कार्मल कॉलेज से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में ग्रेजुएशन किया है। वो इस समय गुड माइल्क कंपनी के साथ जुड़ी हुई हैं। दिशा के पिता रवि मैसूरु में एक एथलेटिक्स कोच हैं और उनकी मां एक गृहिणी हैं। देश में ‘फ्राइडे फॉर फ्यूचर’ अभियान के फाउंडर सदस्यों में दिशा रवि भी शामिल हैं.
क्या था मामला
पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने किसान आंदोलन के समर्थन में एक टूलकिट ट्वीट किया था, जिसमें किसान आंदोलन को लेकर मोदी सरकार को घेरने और भारत को बदनाम करने की साजिश रची गई थी। इस मामले पर बवाल मचने के बाद ग्रेटा ने अपना यह ट्वीट हटा लिया था। दिल्ली पुलिस ने 4 फरवरी को ग्रेटा द्वारा शेयर इस टूलकिट को लेकर केस दर्ज किया था। पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के बाद ग्रेटा थनबर्ग ने एक बार फिर किसानों के समर्थन में ट्वीट किया था। उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि कोई भी नफरत, धमकी इसे बदल नहीं सकती।
क्यों की गई गिरफ्तारी
दरअसल दिल्ली पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया था, उसके बाद इस टूलकिट को एडिट करने और उसे दुनिया भर में फैलाने वालों की तलाश की जा रही थी। पुलिस ने कहा कि इस मामले में शांतनु और निकिता को और गिरफ्तार किया जाना है। आरोप है कि दिशा रवि ने किसानों से जुड़ी टूलकिट को एडिट किया उसमें कुछ चीज़ें जोड़ी और उसके आगे भेजा था।
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने टूलकिट मामले में 4 फरवरी को देश के खिलाफ साजिश रखने, हिंसा के लिए भड़काने और नफरत फैलाने के मामले में पहला मामला दर्ज किया था। टूलकिट मामले में हुई यह पहली गिरफ्तारी है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जब उन्हें गिरफ्तार किया गया, उस वक्त वह घर से ही काम कर रही थीं।