गौतम अडानी और उनके ग्रुप का नाम लगातार सुर्ख़ियों में बना हुआ है। कभी उनकी नेटवर्थ के चलते तो कभी अडानी ग्रुप (Adani Group) के स्वामित्व वाली अलग-अलग कंपनियों के चलते ग्रुप का नाम चर्चा में नजर आ रहा है। वहीं, हाल ही में इंटरनेशनल रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स (Fitch) की क्रेडिटसाइट्स ने Adani Group को लेकर कई सवाल खड़े किए थे। जिसके चलते Adani Group का नाम चर्चा में था। हालांकि, अब ग्रुप को इस मामले से राहत मिलती नज़र आ रही है। क्योंकि, Fitch ने अब अपनी ही बात पर परिवर्तन किया है।
Fitch ने उठाए Adani Group पर सवाल :
दरअसल, जब भी किसी कंपनी पर रेटिंग्स एजेंसी सवाल उठती है तो, यह कंपनी के नाम को खराब करने वाली स्थिति होती है। इसलिए ही जब इंटरनेशनल रेटिंग एजेंसी (International Rating Agency) फिच रेटिंग्स (Fitch) की क्रेडिटसाइट्स ने Adani Group को लेकर कई सवाल उठाए तो, Adani Group की मुश्किलें कुछ बढ़ सी गई। वहीं, अब कंपनी के लिए अच्छी खबर यह है कि, अब इंटरनेशनल रेटिंग एजेंसी Fitch ने Adani Group के लोन स्ट्रक्चर को लेकर अपने पुराने बयान में परिवर्तन किया है। Fitch के पुराने बयान में अब सुधार करते हुए कहा गया है कि, ‘कैलकुलेशन में हुई गलती का नतीजा था कि, Adani Group पर सवाल उठे थे।’
क्रेडिटसाइट्स का बयान :
बताते चलें, अब Fitch की क्रेडिटसाइट्स ने भले ही अपना बयान बदल लिया हो, लेकिन उन्होंने अपने पुराने बयान में कहा था कि, ‘Adani Group पर लोन अधिक है और वह कर्ज के चलते फंस सकती है। Fitch द्वारा सामने आई इस रिपोर्ट का खंडन करते हुए Adani Group ने एक बयान जारी कर बताया कि, पब्लिक सेक्टर के आधे से ज्यादा लोन को चुका दिए जा चुके है।
Fitch की नई रिपोर्ट :
रेटिंग एजेंसी फिच (Fitch) ने इस मामले में नई रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि ‘एक यूनिट के बदले लोन अधिक है, जिससे भविष्य के अधिग्रहण की वजह से क्रेडिट प्रोफाइल को झटका लग रहा है। इसके अलावा क्रेडिटसाइट्स ने अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड और अडानी पावर लिमिटेड के प्रॉफिट और लोन के आंकड़ों को भी कैलकुलेशन की गलती मानते हुए सुधार लिया है।’
गौरतलब है कि, रेटिंग एजेंसी फिच (Fitch) की पुरानी रिपोर्ट सामने आने के बाद कंपनी को काफी नुकसान उठाना पड़ा था, क्योंकि, इस खबर से कंपनी के शायरों में गिरावट देखने को मिली थी।
लौटा चुके सरकारी बैंकों का आधा लोन..भारी कर्ज की आशंका पर अडानी समूह की सफाई
अडानी समूह ने पिछले कुछ वर्षों में अपने कारोबार का तेजी से विस्तार किया है। कोयला खनन, बंदरगाह, हवाईअड्डा, डेटा सेंटर, सीमेंट, एल्युमिनियम और शहरी गैस वितरण जैसे कारोबार क्षेत्रों में फैलाव हुआ है।
देश के सबसे अमीर उद्योगपति गौतम अडानी की अगुवाई वाले अडानी समूह ने भारी कर्ज में होने को लेकर जताई जा रही आशंकाओं पर प्रतिक्रिया दी है। अडानी समूह ने कहा है कि उसके शुद्ध कर्ज की स्थिति सुधरी है और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से लिए गए आधे से अधिक कर्ज को उसने चुका दिया है।
15 पेज का नोट: अडानी समूह ने भारी कर्ज में होने के बारे में आई क्रेडिटसाइट्स की रिपोर्ट के जवाब में 15 पेज का एक नोट जारी किया है। इसमें समूह ने कहा है कि उसकी कंपनियों ने लगातार अपने कर्ज को चुकाया है और कर-पूर्व या एबिटा आय का अनुपात घटकर 3.2 गुना रह गया है जबकि नौ साल पहले यह 7.6 गुना हुआ करता था।
कितना रह गया कर्ज: अडानी समूह के पास उपलब्ध नकदी को ध्यान में रखें, तो उसपर मार्च, 2022 में 1.88 लाख करोड़ रुपये का सकल कर्ज और 1.61 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध ऋण था। समूह ने कहा कि वित्त वर्ष 2015-16 में उसकी कंपनियों के कुल कर्ज में सार्वजनिक बैंकों से लिए गए कर्ज का अनुपात 55 प्रतिशत पर था लेकिन वित्त वर्ष 2021-22 में यह घटकर कुल कर्ज का सिर्फ 21 प्रतिशत रह गया।
वित्त वर्ष 2015-16 में निजी बैंकों से लिए गए कर्ज की कुल ऋण में हिस्सेदारी 31 प्रतिशत हुआ करती थी जो अब घटकर 11 प्रतिशत पर आ गई है। इसके उलट बॉन्ड के जरिये जुटाए गए कर्ज की हिस्सेदारी इस दौरान 14 प्रतिशत से बढ़कर 50 प्रतिशत हो चुकी है।