नवगछिया (भागलपुर)। भागलपुर के नवगछिया इलाके में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। हुआ कुछ ऐसा कि अपनी मां का दाह संस्कार करने पुत्र स्वजनों और ग्रामीणों के साथ गंगा तट पर गए थे। चिता सजाई जा चुकी थी। मां को उसपर सुला दिया। मुखाग्नि की तैयारी की जा रही थी। इसी दौरान उसके घर में मां आकर घूमने लगी। मां को इधर-उधर घुमता देख सभी लोग हक्के बक्के रह गए। डर के मारे सभी भागने लगे। लोगों ने कहा कि घर में भूत आ गया है। उस समय घर में पूड़ी, सब्जी और जिलेबी बनाई जा रही थी, ताकि दाह संस्कार में शामिल लोगों को भोजन कराया जा सके।
जानकारी के अनुसार मामला रंगरा चौक ओपी के मुरली गांव का हैं। मंजू देवी के शव का अंतिम संस्कार करने स्वजन गंगा घाट पर गए थे। इसी दौरान मंजू देवी घर लौट आई। मंजू देवी को देखकर लोग इधर उधर भागने लगे। भूत आया-भूत आया का शोच मचने लगा।
ज्ञातव्य हो कि रविवार की सुबह रंगरा चौक ओपी पुलिस ने अज्ञात वृद्ध महिला का शव बरामद किया। शव की पहचान नहीं हो पाई थी। रंगरा ओपी पुलिस ने अनुमंडल अस्पताल में पोस्टमार्टम करवा कर शव को पहचान के लिए सुरक्षित रखा था। सोमवार की सुबह परिजनों ने शव की पहचान ओपी क्षेत्र के ही मुरली निवासी जगदीश सिंह की पत्नी मंजू देवी के रूप में किया।
उसका इकलौता पुत्र अनिल कुमार सिंह निवर्तमान उप मुखिया हैं। उन्होंने शव की पहचान की। बताया कि मां मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं। वहां बराबर घर से निकल जाती थी। एक सप्ताह में फिर लौट कर घर आ जाती थी। दो दिन पहले ही मां घर से निकली थी जो अब तक नहीं लौटी हैं। यह मेरी मां ही हैं। मृत महिला की पहचान मंजू देवी के रूप में किया गया।
इसके बाद सभी शव को लेकर घर चले गए। अंतिम संस्कार के लिए अर्थी सजाई गई। शव को अंतिम संस्कार के लिए गोपालपुर प्रखंड के बिंदटोली गंगा नदी के घाट लेकर चले गए थे। चिता सजाई गई। मुखाग्नि के पूर्व घर से फोन आया कि मंजू देवी जिंदा हैं। वह घर आ गई है।
रंगरा चौक पर अंतिम संस्कार में शामिल लोगों को खिलाने के लिए पूड़ी, सब्जी और जिलेबी बनाया जा रहा था। मंजू देवी घूमते हुए रंगरा चौक पहुंच गई, जहां भोजन बन रहा था। वहां मौजूद लोग मंजू देवी को देखकर भागने लगे। उस जगह अफरा-तफरी का माहौल हो गया।
इसके बाद स्वजनों ने अज्ञात शव को लाकर रंगरा ओपी पुलिस को सौंप दिया। रंगरा ओपी प्रभारी महताब खां ने बताया कि अनिल कुमार सिंह ने शव की पहचान अपनी मां मंजू देवी के रूप में किया था। शव का अंतिम संस्कार करते कि इसी दौरान उसकी मां आ गई। परिजनों ने शव को पुलिस को लौटा दिया। लाश किसकी हैं। पुलिस जांच कर रही हैं। पहचान के लिए शव को सुरक्षित रखा गया हैं। पोस्टमार्टम के पश्चात निर्धारित समय 72 घंटा होने पर शव की पहचान नहीं हुई तो उसका अंतिम संस्कार कर दिया जायेगा।