Thursday, November 27, 2025
Uncategorized

राकेश टिकैत के दाहिने हाथ को चुनाव में,10 हज़ार वोट में से 84 वोट मिले,12 में से 10 वा स्थान

बावल नगरपालिका के चेयरमैन पद के लिए पहली बार चुनावी मैदान में उतरे भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश महासचिव व किसान आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले रामकिशन महलावत को यदि यह आभास होता कि चुनाव में जनता उन्हें इस कदर नकारेगी तो वे संभवत: कदापी चुनाव नहीं लड़ते। उन्हें 9299 मतों में से मात्र 84 मत मिले और 12 प्रत्याशियों में से वे 10वें नंबर पर रहे। उन्हें किसान नेता राकेश टिकैत का करीबी माना जाता है।

महलावत का चुनाव मैदान में उतरने के पीछे मुख्य कारण किसान आंदोलन में हिस्सा लेना ही था, बल्कि उन्होंने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर बड़ी लड़ाई को जीता था। प्रदेश सरकार ने जब बावल पालिका का चेयरमैन पद ओबीसी के लिए आरक्षित कर दिया था तो उन्होंने सरकार के इस निर्णय को चुनौती देते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस अदालती लड़ाई में उनकी जीत हुई और चेयरमैन का पद सामान्य वर्ग के लिए घोषित कर दिया गया। बस, इसी बात को लेकर उन्हें जनता से उम्मीद थी कि वह उनका साथ देगी और आंदोलनकारी नेता को बावल का चेयरमैन बनाएगी। लेकिन चुनाव परिणाम आए तो उन्हें भारी निराशा हुई। कुल 12 प्रत्याशियों में से वे 10वें पायदान पर पहुंच गए। उन्हें कुल 84 वोट मिले। जाट समुदाय से संबंध रखने वाले महलावत की बिरादरी के तीन अन्य प्रत्याशी भी मैदान में थे। यहां जाटों की सर्वाधिक वोट 1900 के लगभग है। निर्वाचित चेयरमैन विरेंद्र महलावत भी जाट समुदाय के हैं और उन्हें समाज का सर्वाधिक वोट मिला।

Leave a Reply

Shares
FacebookWhatsAppXFacebook LikeSumoMe