जिस हवन कुंड के पास होता था कीर्तन, आज वहीं हाथ-पैर धो रहे मुस्लिम: संभल के ‘हरिहर मंदिर’ में शफीकुर्रहमान बर्क ने बंद करवाया था हिंदुओं का प्रवेश
संभल के मुस्लिम जिसे ‘जामा मस्जिद’ कहते हैं, उसके सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद स्थानीय हिंदुओं ने बताया था कि यह जगह ‘हरिहर मंदिर’ ही है। कुआँ पूजन, शादी-ब्याह, पूजा-पाठ सब कुछ यहाँ होता था। लेकिन बाद में इस मंदिर में हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
संभल जिला प्रशासन की एक इंटरनल रिपोर्ट से पता चलता है कि 1978 के दंगों की आड़ में इस मंदिर में हिंदुओं का प्रवेश बंद किया गया था। इसके पीछे शफीकुर्रहमान बर्क था, जो संभल से समाजवादी पार्टी का सांसद रहा है। इस समय उसका बेटा संभल का सपा सांसद है और सर्वे के दौरान हुई हिंसा को लेकर उसके खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।
ऑपइंडिया के पास मौजूद इंटरनल रिपोर्ट से पता चलता है कि इस मंदिर परिसर की जिस हवन कुंड के पास कभी कीर्तन हुआ करता था, अब वहाँ मुस्लिम हाथ-पैर धोते हैं। रिपोर्ट में स्पष्ट शब्दों में लिखा गया है, “इसी दंगे की आड़ लेकर शफीकुर्रहमान बर्क ने जामा मस्जिद/हरिहर मंदिर में जाने से हिंदुओं को प्रतिबंधित कर दिया। इससे पहले हिंदू इस परिसर के मध्य में बने हवन कुंड के चारों ओर कीर्तन करते थे। आज इस हवन कुंड का प्रयोग वजू के लिए किया जा रहा है।”
1978 के दंगों में किस तरह हिंदुओं का कत्लेआम किया गया था, इसके बारे में हम पिछली रिपोर्ट में बता चुके हैं। हम बता चुके हैं इन दंगों में जिस कारोबारी बनवारी लाल गोयल की मुस्लिम दंगाइयों ने हाथ-पैर और गला काटकर हत्या कर दी थी, उनके परिवार पर भी शफीकुर्रहमान बर्क ने दबाव डाला था और आखिर में वह परिवार संभल छोड़कर ही चला गया।
दुकान जले हिंदुओं के, पर बर्क ने ज्यादा मुआवजा मुस्लिमों को दिलवाया
1978 के दंगों में शफीकुर्रहमान बर्क ने इतने ही कारनामे नहीं किए। इंटरनल रिपोर्ट के अनुसार मुस्लिम दंगाइयों ने पूरी सब्जी मंडी जला दी। हिंदुओं के करीब 40 दुकानों में आगजनी और लूटमार की। लेकिन शफीकुर्रहमान बर्क के दबाव में हिंदुओं से अधिक मुस्लिमों को मुआवजा मिला, जबकि उनकी दुकानों को कोई नुकसान नहीं हुआ था।
प्रशासन ने यह रिपोर्ट संभल में हुए दंगों पर तैयार की है। इससे पता चलता है कि दंगों के कारण संभल में धीरे-धीरे हिंदुओं की आबादी कम होती जा रही है। देश की स्वतंत्रता के समय संभल नगरपालिका क्षेत्र में हिंदुओं की आबादी 45 प्रतिशत थी जो आज घटकर 15-20% रह गई है। उस समय मुस्लिम 55% थे। आज वे बढ़कर 80-85 प्रतिशत हो गए हैं।
गौरतलब है कि हालिया हिंसा के बाद बीजेपी विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने भी एक्स/ट्विटर पर एक पोस्ट करते हुए बताया था कि जिसे मुस्लिम जामा मस्जिद कहते हैं, वह कभी हरि मंदिर ही था। उन्होंने बताया था कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने शफीकुर्रहमान बर्क के दबाव में 2012 में इसे पूरी तरह जामा मस्जिद में बदलवा दिया था। उससे पहले हिंदू इस जगह पर पूजा-पाठ के लिए जाते थे। उन्होंने इस जगह पर धार्मिक कार्यक्रमों की कुछ तस्वीर भी साझा की थी।
इस जगह पर बदलाव की बात आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) ने कोर्ट को भी बताई थी। बताया गया था कि 1920 में इसे ‘संरक्षित स्मारक’ घोषित किया गया। लेकिन मुस्लिमों ने इसमें अवैध निर्माण किए। यहाँ तक कि एएसआई की टीम को भी प्रवेश से रोका गया।