Thursday, June 19, 2025
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52,000 रेमडीसीविर मिली,अदालत में बताया कुल 2500 मिली,सबसे ईमानदार मुख्यमंत्री की सरकार

यह मुख्यमंत्री ढोल पीट पीट कर खुद ही खुद को सबसे ईमानदार होने का तमगा देता है।

दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने अरविंद केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal Government) को एंटी वायरल ड्रग रेमेडेसिविर (Remdesivir) की अनुपलब्धता को लेकर फटकार लगाई है। इस ड्रग का इस्तेमाल सामान्य या गंभीर स्थिति वाले कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए किया जा रहा है। फिलहाल इसकी सप्लाई काफी कम है और मांग कई गुना ज्यादा। इस दौरान हाई कोर्ट ने गलत आंकड़े पेश करने पर केजरीवाल सरकार की जमकर क्लास लगाई।

 

दरअसल, दिल्ली सरकार ने दावा किया था कि उसे रेमडेसिविर ड्रग की मात्र 2500 शीशियां ही दी गई थीं, जबकि असलियत में उसे 52,000 शीशियां उपलब्ध कराई गई थीं। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि ऑक्सीजन सिलिंडरों और दवाओं की जमाखोरी से इन चीजों की बनावटी अनुपलब्धता का माहौल बनता है, जबकि असल में ये उपलब्ध होते हैं। उच्च न्यायालय ने चेताया कि लोग इस तरह की हरकतों में न उलझें।

बीते मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार से प्रदेश में हुए आरटीपीसीआर टेस्ट्स के आंकड़े भी मांगे थे। चूंकि दिल्ली में आरटीपीसीआर टेस्ट्स की संख्या घट रही है और कई प्राइवेट लैब्स को ये टेस्ट करने से मना कर दिया गया है। इसलिए हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की सरकार से इसका कारण भी पूछा है। हाई कोर्ट ने दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी की भी चर्चा की और कहा कि एक दिन भी दिल्ली में एलोकेशन की सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंची।

 

कोर्ट ने लंबी दूरी को इसका कारण बताया। उसने केंद्र सरकार से कहा कि लॉजिस्टिक्स को लेकर आ रही समस्याओं को केंद्र सरकार को देखना चाहिए। साथ ही दिल्ली सरकार से शवों को ले जाने के लिए डीटीसी की बसों के इस्तेमाल पर विचार करने को कहा।

इसी बीच अपोलो अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद उसके परिजनों ने जम कर हंगामा और तोड़फोड़ की। कोर्ट ने दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण की चर्चा करते हुए इस घटना का भी जिक्र किया। कोर्ट ने कहा कि ऐसी घटनाओं से उन स्वास्थ्यकर्मियों का मनोबल कम होता है, जो बिना थके-रुके लोगों की सेवा कर रहे हैं।

 

हाईकोर्ट ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होगी। पुलिस-प्रशासन को ऐसी प्रतिकूल घटनाओं को दिमाग में रखते हुए इसके प्रति सतर्क रहना चाहिए और इन्हें रोकने के लिए कार्य करना चाहिए।

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