महाराष्ट्र CM रहते दुबई में दाऊद इब्राहिम से मिले थे शरद पवार: भीमराव अंबेडकर के पौत्र का दावा, कहा- बाबा सिद्दीकी के साथ जो हुआ वह केवल एक शुरुआत है
उन्होंने सवाल किया है कि क्या केंद्र सरकार ने उन्हें इस मुलाकात के लिए मंजूरी दी थी? अगर हाँ, तो केंद्र सरकार इसकी रिपोर्ट को पब्लिश करे। और अगर इस मुलाकात के लिए उन्हें मंजूरी नहीं मिली थी तो क्या उन्होंने लौटकर इसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को दी?
अंबेडकर कहते हैं कि इतने समय बाद उन्होंने ये सवाल इसलिए उठाया है क्योंकि अब दोबारा से महाराष्ट्र में 90 की स्थिति बनती दिख रही है। बाबा सिद्दीकी के साथ जो हुआ वो केवल शुरुआत है। इसकी वजह क्या है केंद्र को इसे ढूँढना चाहिए।
पूर्व रॉ अधिकारी का दावा
मालूम हो कि ये पहली बार नहीं है कि शरद पवार और दाऊद के संबंधों पर सवाल खड़े हुए हों। इससे पहले रॉ के एक पूर्व अधिकारी एनके सूद ने बताया था कि एनसीपी के मुखिया शरद पवार के भी दाऊद से संबंध थे। उन्होंने बताया था कि इसकी एनसीपी और कॉन्ग्रेस नेताओं से करीबी के चलते ही अंडरवर्ल्ड डॉन देश से भागने में सफल हुआ था। इसके अलावा उसे पकड़ने के लिए जो खुफिया ऑपरेशन चले वो भी इन्हीं करीबियों के कारण नहीं सफल हुए और इसी कारण दाऊद भारत भी नहीं लौटा। पूर्व रॉ अधिकारी ने बयान में कहा था कि जब दाऊद के सरेंडर की बात हुई थी तो शर्त सिर्फ ये थी कि उसे ऑर्थर जेल में थर्ड डिग्री न दी जाए। मगर शरद पवार ने उस माँग को भी नहीं स्वीकार। उन्हें डर था अगर दाऊद लौटता तो पवार समेत उन सभी नेताओं को डर था कि उसके मुँह खोलते ही इनका राजनैतिक करियर चौपट हो जाएगा।
मुंबई धमाकों पर बोला झूठ
इसके अलावा मालूम हो कि मुंबई ब्लास्ट जिनका इल्जाम दाऊद और टाइगर मेमन पर लगता है उसमें भी शरद पवार पर झूठ बयान देने का आरोप है। हमलों के तुरंत बाद शरद पवार नेदूरदर्शन पर आकर सबको कहा था कि 13 धमाके हुए हैं जिनमें मुस्लिम बहुल इलाके को भी निशाना बनाया गया। बाद में उन्होंने बताया कि उन्होंने ये झूठ सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए की थी ताकि हिंदुओं को लगे मुस्लिमों को भी निशाना बनाया गया है जबकि बहकीकत में जहाँ धमाके हुए थेवो जगह- मुंबई स्टॉक एक्सचेंज, नरसी नाथ स्ट्रीट, शिव सेना भवन, एयर इंडिया बिल्डिंग, सेंचुरी बाज़ार, माहिम, झावेरी बाज़ार, सी रॉक होटल, प्लाजा सिनेमा, जुहू सेंटॉर होटल, सहार हवाई अड्डा और एयरपोर्ट सेंटॉर होटल थीं।