मस्जिद की आड़ में कब्ज
छत्तीसगढ़ के भिलाई में नगर निगम ने हाई कोर्ट के आदेश पर मस्जिद के अवैध अतिक्रमण को ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई करबला कमिटी द्वारा धार्मिक कार्य के लिए आवंटित जमीन पर किए गए अतिक्रमण के कारण हुई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1984 में मस्जिद के लिए भिलाई-रायपुर हाइवे पर 800 स्क्वायर फीट जमीन दी गई थी, लेकिन कमिटी ने उस जमीन का विस्तार करते हुए करीब ढाई एकड़ पर कब्जा कर लिया। यहाँ मस्जिद के अलावा दुकानें, मैरिज हॉल और मजार भी बनाई गई थीं।
रविवार, 8 अगस्त 2024 को, नगर निगम की टीम ने पुलिस बल के साथ मिलकर कार्रवाई की और मस्जिद की चारदीवारी, पाँच दुकानें, मैरिज हॉल और स्वागत गेट को बुलडोजर से ढहा दिया। इसके पहले कमिटी को तीन दिन का नोटिस दिया गया था, लेकिन कब्जा नहीं हटाया गया, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। नगर निगम का कार्यालय मस्जिद के पास है, और शिकायतें मिली थीं कि उसकी जमीन पर भी कब्जा किया गया है। नगर निगम ने हाई कोर्ट के आदेश के बाद इस अवैध अतिक्रमण को हटाया और भविष्य में भी किसी गैर-धार्मिक ढाँचे को वहाँ नहीं रहने देने की बात कही।
इस कार्रवाई के विरोध में करबला कमिटी ने दावा किया कि उनका कब्जा 1957 से है। लेकिन इस मामले में शिकायत भाजपा नेता एसके मोबिन उर्फ बाबर ने की थी, जिन्होंने बताया कि करबला कमिटी ने दरगाह की आड़ में कीमती जमीन पर अवैध कब्जा करके दुकानें बनवाई हैं और उसका किराया वसूल रहे हैं, जिससे नगर निगम को नुकसान हो रहा है।