Friday, March 14, 2025
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मोहम्मद शेख़ हैदर हत्यारे गैंगस्टर को पुलिस ने मार गिराया

शनिवार को ओडिशा पुलिस ने ओडिशा के कुख्यात गैंगस्टर तथा अपराध जगत के नामचीन गुंडे मोहम्मद सेक हैदर को एनकाउंटर में ढेर कर दिया है। बालेश्वर जिले के सिमुलिया के पास यह एनकाउंटर हुआ है। हैदर के शरीर में तीन गोली लगी हैं। एक गोली बाएं हाथ में तथा दो गोली उसके पेट में लगी है। एनकाउंटर के बाद गंभीर अवस्था में हैदर को बालेश्वर जिला मुख्य अस्पताल लाया गया, जहां पर प्राथमिक इलाज के बाद डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया है। बालेश्वर जिला अस्पताल के एडीएमओ मृत्युंजय मिश्र ने हैदर की मौत हो जाने की जानकारी दी है। अस्पताल परिसर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है।

वहीं हैदर के एनकाउंटर की खबर सामने आने के बाद उसके पैतृक गांव केन्द्रापड़ा में भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। हैदर की पत्नि हसीना बेगम ने कहा है कि यह एनकाउंटर नहीं है बल्कि योजना के तहत पुलिस ने हत्या की है। इन तमाम मामलों की जांच होनी चाहिए। हैदर के एनकाउंटर की खबर सामने आने के बाद कटक के डीसीपी प्रतीक सिंह ने कहा कि कोर्ट के निर्देश अनुसार सुरक्षा के नजरिए से गैंगस्टर को शनिवार कटक चौद्वार जेल से बारीपदा जेल को स्थानांतरण किया जा रहा था। पुलिस के एक इंस्पेक्टर, एक सब इंस्पेक्टर, एक सेक्शन फोर्स हैदर को कड़ी सुरक्षा के बीच चौद्वार जेल से बारीपदा जेल ले जा रही थी। तभी बालेश्वर जिला सिमुलिया के पास हैदर ने पेशाब जाने के लिए पुलिस को कहा।

पुलिस की टीम जैसे ही गाड़ी से उसे बाहर निकाल कर पेशाब करने के लिए लेकर जा रही थी, तभी उसने सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी की बंदूक छीन कर फरार होने की कोशिश की। वहां पर मौजूद पुलिस सब इंस्पेक्टर ने उसे रोकने की कोशिश की। पुलिस टीम की ओर से उसे चेतावनी भी दी गई। लेकिन वह पुलिस के साथ मुठभेड़ में जुट गया और आखिरकार जब वह नहीं माना और फरार होने के लिए कोशिश किया। तभी वहां मौजूद सब इंस्पेक्टर ने मजबूरी में सर्विस रिवाल्वर से गोली चलाई और यह गोली उसके पेट में जा लगी। फिर पुलिस ने उसे काबू कर लिया। बाद में उसे इलाज के लिए तुरंत सिमुलिया से बालेश्वर के मुख्य चिकित्सालय को भेजा गया। यह जानकारी पुलिस कमिश्नर सौमेंद्र प्रियदर्शी और कटक डीसीपी प्रतीक सिंह ने शनिवार अपराह्न को डीसीपी कार्यालय में आयोजित पत्रकार सम्मेलन के जरिए दी है। कटक डीसीपी के मुताबिक, यह मुठभेड़ अपरान्ह 3:20 बजे सिमुलिया में हुई है।

पुलिस कमिश्नर सौमेंद्र प्रियदर्शी के मुताबिक, इस गैंगस्टर को फरार होने से रोकने के लिए पुलिस की ओर से हर संभव प्रयास किया गया। जब वह नहीं माना तो एनकाउंटर की वारदात हुई है। हालांकि इस पूरी घटना के बारे में बाद में निश्चित तौर पर जांच-पड़ताल की जाएगी। यह स्पष्ट किया है पुलिस कमिशनर सौमेंद्र प्रियदर्शी ने। इससे पहले भी कटक एससीबी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में इलाज के दौरान पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था। 15 दिनों के बाद ओडिशा की पुलिस इसे हैदराबाद से गिरफ्तार करने में कामयाब हुई थी।

ओडिशा का एक खूंखार गैंगस्टर एस.के. हत्या के एक मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा हैदर शनिवार को पुलिस मुठभेड़ में मारा गया।

मुठभेड़ उस समय हुई जब कटक कमिश्नरेट पुलिस की एक एस्कॉर्ट पार्टी, जिसमें एक आईआईसी, एक सब-इंस्पेक्टर, तीन हवलदार और सशस्त्र पुलिस का एक वर्ग शामिल था, हैदर को कटक के चौदवार सर्कल जेल से मयूरभंज जिला के बारीपदा में उप-जेल में स्थानांतरित कर रहा था। भुवनेश्वर-कटक पुलिस आयुक्त सौमेंद्र प्रियदर्शी ने कहा, सुरक्षा कारणों से गैंगस्टर को शिफ्ट किया जा रहा था।

बालासोर जिले में सिमुलिया के पास, हैदर ने सुरक्षा कर्मियों से प्रकृति की पुकार में शामिल होने के लिए थोड़ी देर रुकने का अनुरोध किया। प्रियदर्शी ने कहा कि पुलिस वाहन से नीचे उतरने के बाद उसने सब-इंस्पेक्टर से बंदूक छीनने और भागने की कोशिश की।

पुलिस आयुक्त ने कहा, स्थिति को नियंत्रित करने और उसे भागने से रोकने के लिए, एस्कॉर्ट टीम को हैदर पर नियंत्रित तरीके से गोलियां चलाने के लिए मजबूर किया गया था। उसे गोली लगी थी। हालांकि, इस घटना में कोई पुलिस अधिकारी घायल नहीं हुआ।

घटना के बाद, अपराधी को गंभीर हालत में बालासोर के जिला मुख्यालय अस्पताल (डीएचएच) ले जाया गया। बाद में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

डीएचएच के अतिरिक्त जिला चिकित्सा अधिकारी (एडीएमओ) मृत्युंजय मिश्रा ने कहा कि डॉक्टरों के इलाज शुरू करने से पहले अस्पताल में भर्ती होने के पांच मिनट बाद गैंगस्टर की मौत हो गई।

मिश्रा ने कहा कि पोस्टमॉर्टम के बाद ही उन पर कितनी गोलियां चलाई गईं, इसका ब्योरा स्पष्ट होगा।

इस साल अप्रैल में हैदर कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान पुलिस हिरासत से फरार हो गया था। बड़े पैमाने पर तलाशी के बाद, उन्हें तेलंगाना से गिरफ्तार किया गया था।

हैदर ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में गैंगवार में शामिल था और एस.के. 2005 में केंद्रपाड़ा में अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी सुलेमान के भाई चुना। उन्हें उसी साल नागपुर से हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और 2011 में उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

2015 में, खान व्यापारी रश्मि रंजन महापात्रा के अपहरण और हत्या में शामिल होने के लिए उन्हें फिर से उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

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