Sunday, December 22, 2024
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उद्धव ठाकरे की नींद उड़ा दी एकनाथ शिंदे ने,वास्तविक हकदार साबित

महाराष्ट्र में आख़िरकार भाजपा के मन की मुराद पूरी हो ही गयी, मुख्यमंत्री भले ही शिवसेना के बाग़ी का बनाया गया हो लेकिन भाजपाई इसको अपनी बड़ी सियासी जीत करार दे रहे हैं। शिवसेना से बग़ावत करके मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में एक नये युग का आगाज हो गया है।

CM Eknath Shinde with Bala Sahab Thakrey

शिंदे ने सीएम बनते ही अपने ट्विटर अकाउंट की डीपी बदल कर आने वाले समय में अपने सियासत का आभास करा दिया। ट्विटर पर नई प्रोफाइल पिक्चर में वो बाला साहेब के चरणों पर नजर आ रहे हैं। इस नई तस्वीर के साथ ही शिंदे ने उद्धव ठाकरे को स्पष्ट संदेश देने का प्रयास किया है कि वो बाला साहेब की विरासत को आसानी से छोड़ने वाले नहीं है। अब ऐसे में आने वाला वक्त ही बताएगा कि बाला साहब ठाकरे के राजनीतिक उत्तराधिकारी उद्धव ठाकरे की विरासत पर एकनाथ शिंदे का ये राजनीतिक दांव कितना सफल होगा।

इससे पहले बृहस्पतिवार का पूरा दिन महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर का दिन रहा। सत्ता पलट के इस सियासी दांव-पेंच के बीच जहाँ सीएम पद पर देवेंद्र फडणवीस की चर्चा थी और एकनाथ शिंदे के डिप्टी सीएम बनाए जाने की चर्चा आम थी, वहीँ भाजपा ने एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र की कमान और देवेंद्र फडणवीस को शिंदे के नेतृत्व में डिप्टी सीएम की कमान देकर मास्टरस्ट्रोक खेल दिया।

महाराष्ट्र में हिन्दुत्व की सियासत को मजबूती से आगे बढ़ाने के लिए भाजपा ने उद्धव ठाकरे को बड़ा संदेश दिया है। एकनाथ शिंदे प्रदेश के नए सीएम बन चुके हैं। शिंदे खुद को सच्चा शिवसैनिक बताकर बाला साहेब की विरासत को आगे बढ़ाने की बात भी अपने बयानों में कह चुके हैं। इतना ही नहीं शिंदे ने अपनी ट्विटर की डीपी बदलकर उद्धव ठाकरे को सीधी चुनौती देते हुए आगाह भी कर दिया है।

ट्विटर की डीपी बदल उद्धव ठाकरे को चुनौती

एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही अपने ट्विटर डीपी बदली। उन्होंने अपनी नई डीपी में बाला साहेब के साथ अपनी तस्वीर लगाई है। फोटो में शिंदे बाला साहेब के चरणों पर बैठे हुए नजर आ रहे हैं। सियासी जगत में शिंदे द्वारा नई डीपी के माध्यम से उद्धव ठाकरे को शिवसेना प्रमुख पद पर चुनौती देने की बात कही जा रही है। हालाँकि एकनाथ शिंदे को शिवसेना के दो तिहाई विधायकों का समर्थन हासिल है, बावजूद इसके भविष्य तय करेगा कि शिवसैनिकों का बहुमत किसके साथ होगा। शिवसेना के बागी दो तिहाई विधायकों को शिवसैनिक कितना पसंद करते हैं ये देखने वाली बात होगी। इसलिए असली शिवसैनिक कौन है ये कहना जल्दबाजी होगी।

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