Sunday, September 8, 2024
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गैंगरेप, हत्या मामले में जज गुस्से में,पुलिस जांच को बताया घटिया बकवास,पुलिस की हाजिरी कोर्ट में

55 साल की एक महिला के साथ गैंगरेप और फिर उसकी हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस की अजीबोगरीब जांच सामने आई है. इस पूरे मामले में दिल्ली पुलिस ने जो चार्जशीट दाखिल की है, उसमें कहीं भी ‘यौन शोषण’ शब्द का जिक्र नहीं है. दिल्ली की एक अदालत ने जांच पर नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की जांच को घटिया बताया है.

इसके साथ ही एसीपी रैंक के एक अधिकारी और उसके सबऑर्डिनेट को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. रोहिणी कोर्ट के स्पेशल जज धीरेंद्र राणा ने अपराध के बारे में पहले ही दिन पता चल गया था लेकिन दिल्ली पुलिस ने जो की वो काफी हैरान करने वाला है. जस्टिस राणा ने कहा कि अगर गैंग रेप और हत्या जैसे जघन्य अपराध में जांच का यह स्तर है, तो अन्य छोटे अपराधों के बारे में क्या ही कहा जा सकता है.

कोर्ट ने ACP को जारी किया कारण बताओ नोटिस

जस्टिस राणा ने IO और ACP को कारण बताओ नोटिस जारी करने का आदेश दिया और कहा कि इस मामले में वे विस्तार से बताएं कि क्यों न उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की जाए क्योंकि जांच घटिया है और लापरवाही स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है. जस्टिस राणा ने अपने आदेश में कहा कि चार्जशीट में कहा गया है कि क्राइम टीम ने घटनास्थल से इस्तेमाल किए गए कंडोम बरामद किए थे.

शव को भी अर्धनग्न अवस्था में बरामद किया गया था. ये दो तथ्य बताते हैं कि मृतक के साथ यौन उत्पीड़न किया गया था और इसलिए जांच अधिकारी आईपीसी की धारा 376 को उसी दिन जांच में शामिल किया जाना चाहिए था. बता दें कि एसीपी मनीष लाडला ने चार्जशीट दाखिल की थी.

क्या है पूरा मामला?

दिल्ली पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, जिस महिला के साथ गैंग रेप हुआ और फिर उसकी हत्या कर दी गई, वो महिला 14 मार्च को अचानक लापता हो गई थी. इसके अगले दिन उसकी लाश बस में मिली. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज कर ली. इसके बाद उसने इस मामले की जांच शुरू कर दी. दिल्ली पुलिस की टीम ने पीड़ित महिला के बेटे से पूछताछ की, जिसने अपनी मां को यौन शोषण का शिकार होते हुए देखने का दावा किया था. उसने चार लड़कों का जिक्र किया. सभी की उम्र 16-17 साल के बीच थी.

4 नाबालिगों की हुई थी गिरफ्तारी

जांच अधिकारी ने पीड़ित के बयान को दर्ज किया. अधिकारी ने हेड कॉन्सटेबल एसची चेतन के बयान को भी दर्ज किया, जो घटना के दिन पेट्रोल ड्यूटी पर था. पुलिस ने अदालत को बताया कि 16 मार्च को पोस्टमॉर्टम किया गया. 15 अप्रैल को चार नाबालिगों को गिरफ्तार किया गया. उनकी पहचान पीड़ित के बेटे के साथ-साथ एचसी चेतन से कराई गई. अदालत ने चारों आरोपियों को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष पेश करने का आदेश दिया. उसके खिलाफ कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. फिलहाल यह मामला कोर्ट में है.

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