दिल्ली सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी एक नोटिस में कहा गया है कि किसी भी फाइल, दस्तावेज़ या कंप्यूटर हार्डवेयर को सचिवालय परिसर से बाहर ले जाने की अनुमति तब तक नहीं है जब तक कि प्रशासनिक विभाग की अनुमति न हो। संयुक्त सचिव प्रदीप तायल ने इस आदेश को जारी करते हुए कहा कि यह कदम सरकारी दस्तावेजों और डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
इस आदेश में यह भी कहा गया है कि सभी संबंधित ब्रांच इन्चार्जों को अपने अनुभागों के अंतर्गत अभिलेखों और फाइलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए जाएँ। नोटिस में ये भी लिखा है कि ये आदेश न केवल सचिवालय कार्यालयों पर लागू होगा बल्कि मंत्रिपरिषद के कैंप ऑफिसों पर भी लागू होगा।
बता दें कि एक ओर दिल्ली की सरकार द्वारा सचिवालय को सील करने का मुख्य कारण सुरक्षा चिंताएँ बताई गई हैं। वहीं दूसरी ओर चुनाव परिणाम आने के बाद, अधिकारियों को तुरंत सचिवालय पहुँचने का निर्देश दिया गया ताकि वे सरकारी दस्तावेज़ और डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें। ऐसे में सोशल मीडिया पर लोग अंदाजा लगा रहे हैं कि कहीं ये फैसला इसलिए तो नहीं लिया गया कि ताकि 10 साल में हुई गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार की फाइलें समय रहते छिपाई जा सकें।