1994 में रेप और हत्या कर फरार हुआ रविशंकर का चेहरा इतना बदल गया था कि पुलिस भी उसे मुश्किल से पहचान नहीं पायी
देवास. कानून के हाथ लंबे ही नहीं बहुत लंबे होते हैं. अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो उस तक पहुंच ही जाते हैं भले ही उसे पकड़ने में 29 साल ही क्यों न लग जाएं. रायसेन पुलिस ने रेप और हत्या के एक ऐसे ही दोषी को 29 साल बाद देवास में धरदबोचा.
रविशंकर सिंह नाम का ये अपराधी 1994 से रायसेन से फरार था. वहां ये रेप और मर्डर के केस में वांछित है. ये रायसेन से भागकर देवास के सिविल लाइंस में नाम बदलकर रह रहा था. इसने अपना नाम नीरज शर्मा रख लिया था और आधार कार्ड भी बनवा लिया था. सिविल लाइन पुलिस ने सालों बाद पकड़ा आरोपी की पहचान कर उसे रायसेन जिले की पुलिस के सुपुर्द कर दिया.
1994 से फरार
बताया जा रहा है रवि शंकर पिता बच्चन सिंह नूरगंज थाने का वॉन्टेड था. वो 1994 से फरार था. नाम बदलकर नीरज शर्मा कर लिया था और सिविल लाइन थाने क्षेत्र में रह रहा था. पुलिस ने कड़ी पूछताछ के बाद उसे नूरगंज पुलिस को सौंप दिया है. उससे आधार कार्ड भी जब्त हुआ है. उसमें उसका नाम नीरज शर्मा लिखा हुआ है. कार्ड के मुताबिक अपराधी रविशंकर सिंह का 1977 का जन्म है. सिविल लाइन थाना पुलिस नहर दरवाजा पुलिस दोनों ने उसे मिलकर पकड़ा. इसके बारे में नाहर दरवाजा थाने के आरक्षक नवदीप को सूचना मिली थी. इस सूचना पर पुलिस एक्शन में आयी और रविशंकर को पकड़ लिया.
दफा 302 और 376 में दोषी
सिविल लाइन थाना टीआई अजय चानना ने बताया, रविशंकर सिंह उर्फ नीरज शर्मा रायसेन जिले का है. उस पर आईपीसी की धारा 302 और 376 की धारा में मामला दर्ज था. ये अब 29 साल बाद पकड़ा गया.
चेहरा बदल गया था.
देवास पुलिस ने रेप और हत्या के दोषी रविशंकर सिंह को रायसेन पुलिस को सौंप दिया है. दोषी की शक्ल पूरी बदल चुकी है. पुराने और ताजा फोटो में बहुत अंतर दिखाई दे रहा है. इसलिए उसे पहचानना और पकड़ना पुलिस के लिए चुनौती थी. लेकिन पुलिस ने बेहतरीन कार्य कर दिखाया.