24 घण्टे होने को जा रहे हैं ,न जर्मनी की तरह न नार्वे की तरह करोना वायरस की वैक्सीन के कोई गम्भीर दुष्परिणाम सामने आए हैं।धन्यवाद दिजीए वैज्ञानिकों को,वैक्सीन बनाने वाली कम्पनियों को,सुचारू व्यवस्था समयानुसार बनाने वाली सरकार को,लेकिन गिद्ध परेशान हैं क्योंकि यदि लाश नही मिलेगी तो नोचेंगे क्या और नोचने के साथ शोर कैसे मचाएंगे,पर अपने ईश्वर को धन्यवाद दें हमारा देश सुरक्षित हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, टीका लगने के बाद किसी भी व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ी। हालांकि, राजधानी दिल्ली में वैक्सीन लगने के बाद कुछ लोगों में एलर्जी के लक्षण जरूर दर्ज किए गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली में 52 लोगों को एलर्जी की शिकायत हुई। एम्स के एक अधिकारी के मुताबिक, इनमें से एक के अंदर गंभीर लक्षण दिखे। फिलहाल उसे अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। इसके अलावा कोलकाता में वैक्सीन लेने के बाद बीमार पड़ने वाली एक 35 वर्षीय नर्स की स्वास्थ्य स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह पता लगाने के लिए विशेषज्ञों का एक मेडिकल बोर्ड बनाया गया है कि वह टीका लेने के बाद बेहोश क्यों हो गई। टीकाकरण से जुड़े कुछ अधिकारियों ने बताया कि टीकाकरण अभियान के पहले दिन कुछ तकनीकी समस्याएं भी सामने आईं, लेकिन उन्हें ठीक कर लिया गया।

किन-किन राज्यों में सबसे ज्यादा लोगों को लगाया गया टीका?
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, पहले दिन जिन राज्यों में सबसे ज्यादा लोगों को कोरोना का टीका लगाया गया, उनमें उत्तर प्रदेश से लेकर महाराष्ट्र, ओडिशा, कर्नाटक, गुजरात, बिहार और आंध्र प्रदेश शामिल हैं। उत्तर प्रदेश में जहां 21,291 लोगों को टीका लगाया गया, तो वहीं आंध्र प्रदेश में 18,412 लोगों को, महाराष्ट्र में 18,328 लोगों को, बिहार में 18,169 लोगों को, ओडिशा में 13,746 लोगों को, कर्नाटक में 13,594 लोगों को और गुजरात में 10,787 लोगों को को टीका लगाया गया।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के नेताओं में कोरोना वायरस की वैक्सीन लेने की होड़ सी मच गई है। जहाँ केंद्र सरकार का जोर है कि सबसे पहले अपनी जान जोखिम में डाल कर लगभग एक वर्ष तक लोगों की सेवा करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों को इसमें प्राथमिकता दी जाए, TMC के नेता पहले खुद को सुरक्षित कर लेना चाहते हैं। पार्टी के दो विधायकों ने वैक्सीन लगवाया है। ऊपर से कई स्वास्थ्य कर्मचारियों को बुला कर उन्हें खाली हाथ लौटा दिया गया।
वैक्सीन लगवाने वालों में भतार के विधायक सुभाष मोंडल और कटवा के विधायक रबीन्द्रनाथ चटर्जी शामिल हैं। शनिवार (जनवरी 16, 2021) की सुबह सुभाष ने राज्य के सरकारी अस्पताल में जाकर वैक्सीन ली। वहीं चटर्जी ने भी स्वास्थ्य कर्मचारियों के ऊपर खुद को प्राथमिकता दी। ये दोनों ही ईस्ट बर्दवान जिले के नेता हैं। पहले चरण में केवल फ्रंटलाइन वर्कर्स को ही वैक्सीन दिए जाने की अनुमति है, लेकिन इन नेताओं ने इसका उल्लंघन किया।
स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि ये नेतागण जिले की पेशेंट्स वेलफेयर कमिटियों का हिस्सा हैं, इसलिए उन्होंने वैक्सीन ली। उनका कहना है कि इस समिति का सदस्य होने के नाते वो भी फ्रंट लाइन वर्कर हैं। पूर्व विधायक बनमाली हाजरा, जिला परिषद अध्यक्ष जहर बागड़ी और पंचायत समिति सदस्य महेंद्र हाजरा ने भी वैक्सीन ली। कई नर्सों ने शिकायत की कि उनका नाम होने के बावजूद उन्हें वैक्सीन नहीं दी गई।
पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने इस घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा, “कोरोना वैक्सीन की लूट हुई है। देश के प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वॉरियर्स, स्वास्थ्यकर्मियों एवं फ्रंटलाइन वर्कर के लिए फ्री कोरोना वैक्सीन भेजी। लेकिन, पश्चिम बंगाल में TMC विधायक और गुंडों ने जबरदस्ती वैक्सीन लगवा ली। सीएम ममता बयान दे रही हैं कि पीएम ने ही कम वैक्सीन भेजी है। शर्म करो ममता जी!”
यहाँ तक कि सभी मुख्यमंत्रियों के साथ टीकाकरण अभियान की तैयारियों की समीक्षा के लिए हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताओं से खास तौर पर अपील की थी कि पहले चरण में जनप्रतिनिधि वैक्सीन लेने से बचें, ताकि स्वास्थ्य कर्मचारियों को इसका लाभ दिया जा सके। पहले चरण का पूरा खर्च भी केंद्र ही उठा रहा है। दिल्ली में स्वच्छता कर्मचारी मनीष इस टीकाकरण अभियान के पहले लाभार्थी बने।
सबसे अजीब बात तो ये है कि जिस पार्टी के नेता लपक कर सबसे पहले वैक्सीन ले रहे हैं, वो ही इसे रोकने की कोशिश भी कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री और जमीयत उलेमा ए हिंदी का अध्यक्ष सिद्धीकुल्लाह चौधरी ने वैक्सीन को ले रही जा रही ट्रक को ही रोक डाला। उन्होंने ‘किसान आंदोलन’ की आड़ में ऐसा किया। सड़क पर बैठे प्रदर्शनकारियों से ट्रक को बचाने के लिए पुलिस को बुलाने की नौकात आन पड़ी।
शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत की और पहले ही दिन लगभग 2 लाख फ्रंटलाइन वॉरियर्स को वैक्सीन दिए गए। हालाँकि, ये आँकड़े भले ही लक्ष्य से पीछे हों लेकिन संतुष्टिजनक बात ये है कि इनमें से अब तक एक को भी किन्हीं भी कारणों से अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ी। पश्चिम बंगाल में दो लोगों की तबियत जरूर खराब हुई, लेकिन अब उनकी स्थिति स्थिर है।





