बिहार विधानसभा में सरकार के शक्ति परीक्षण से ठीक पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए राजद प्रमुख लालू प्रसाद के करीबी आधा दर्जन नेताओं के यहां बुधवार को ताबड़तोड़ छापे मारे। इस छापेमारी में सीबीआइ को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है।
दो सौ से अधिक सेल डीड व मोटी रकम बरामद
सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक, छापेमारी में दो सौ से अधिक सेल डीड बरामद किए गए। इसके बाद रेलवे में नौकरी के बदले भूमि प्रकरण का दायरा काफी बड़ा हो गया है। अब जांच में और तेजी आएगी साथ ही कुछ अन्य के विरुद्ध भी जल्द ही छापेमारी होगी।
राजद नेताओं के यहां से करोड़ रुपये व सोना-चांदी बरामद होने की सूचना है। सुनील सिंह के पटना स्थित आवास से मोटी रकम मिली है। उसे गिनने के लिए मशीन मंगानी पड़ी। अशफाक करीम के कटिहार स्थित मेडिकल कालेज, अल करीम विश्वविद्यालय और इसी परिसर में स्थित उनके आवास पर अलग-अलग टीमों ने छापेमारी की। देर शाम को सीबीआइ ने बाहर से प्रिंटर और स्कैनर मंगवाया। दो बैगों में भी कुछ सामान टीम ने मंगवाया।
फैयाज समर्थकों व सीआरपीएफ जवानों में नोकझोंक
मधुबनी में डा. फैयाज अहमद के ठिकानों पर रात करीब आठ बजे तक जांच चली। सुबह 10 बजे तक दर्जनों समर्थक उनके आवास के बाहर जुट गए। सीआरपीएफ जवानों से उनकी नोकझोंक भी हुई। उन्हें हटाने के लिए सीआरपीएफ ने बल प्रयोग किया, जिसमें युवा राजद के नेता अमरेंद्र चौरसिया समेत दो समर्थक मामूली रूप से घायल हो गए।
मौके पर नगर थाने की पुलिस भी पहुंच गई। महागठबंधन समर्थक सांसद के आवास के निकट धरने पर बैठ गए। उन सबने प्रधानमंत्री का पुतला फूंका और सड़क पर टायर जलाकर प्रदर्शन किया। रात में सासंद कुछ देर के लिए अपने आवास से बाहर निकले और समर्थकों को शांत रहने की अपील की। डा. फैयाज ने कहा कि भाजपा के इशारे पर सीबीआइ की छापेमारी हुई है।
टीम को मेरे घर से न तो रुपये मिले और न ही भूमि आदि का कोई दस्तावेज। सूत्रों का कहना है कि सीबीआइ ने उनके मेडिकल कालेज में नामांकन संबंधी फाइलों को खंगाला। कालेज कार्यालय में तीन आलमारियों की तलाशी ली गई। कंप्यूटर पर उपलब्ध डाटा को खंगाला। सभी डाटा जब्त कर लिया।
जानिए क्या है अरबों रूपये का ये घोटाला लालू प्रसाद यादव और परिवार का….
लालू प्रसाद यादव के परिवार की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती दिख रही हैं। राजद प्रमुख से जुड़े लोगों के ठिकानों पर बुधवार सुबह से सीबीआई की छापेमारी जारी है। छापेमारी नौकरी के बदले जमीन घोटाले को लेकर हो रही है। इस घोटाले में लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी, बेटे और बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, सांसद बेटी मीसा भारती समेत लालू के कई करीबी फंसे हैं।
सीबीआई कहां-कहां छापेमारी कर रही है? ये नौकरी के बदले जमीन घोटाला क्या है? इसमें लालू के परिवार के सदस्यों की क्या भूमिका बताई जा रही है? लालू पर अब तक कौन-कौन से आरोप लग चुके हैं? किन आरोपों में अब तक क्या-क्या कार्रवाई हुई? किन मामलों में लालू दोषी करार दिए जा चुके हैं? आइये जानते हैं…
सीबीआई कहां-कहां छापेमारी कर रही है?
आज सुबह से CBI लालू यादव परिवार से जुड़े कई लोगों के यहां छापे मार रही है। बिहार ही नहीं बिहार के बाहर भी ये छापे चल रहे हैं। बिहार के उप मुख्यमंत्री और लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव के गुरुग्राम स्थित मॉल पर भी सीबीआई जांच चल रही है। इसके अलावा राजद सांसद अशफाक करीम, फैयाज अहमद के अलावा एमएलसी सुनील सिंह और सुबोध राय के आवास पर भी सीबीआई की टीमें पहुंची। दो महीने पहले भी इसी तरह की छापेमारी हुई थी। इस मामले में राजद के पूर्व विधायक भोला यादव को सीबीआई गिरफ्तार भी कर चुकी है।
नौकरी के बदले जमीन घोटाला क्या है?
2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद यादव यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि लालू के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे भर्ती में घोटाला हुआ। कहा जा रहा है कि नौकरी लगवाने के बदले आवेदकों से जमीन और प्लॉट लिए गए। सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद लालू प्रसाद यादव और उनकी बेटी मीसा भारती के खिलाफ मामला दर्ज किया। आरोप है कि जो जमीनें ली गईं वो राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम पर भी ली गईं।
रेल भर्ती से जुड़े एक और घोटाले का आरोप यूपीए सरकार में रेल मंत्री रहे पवन बंसल के भांजे विजय सिंगला पर भी लगा है। इस मामले में भी सीबीआई ने विजय सिंगला समेत 10 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में विजय सिंगला पर मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप है।
क्या ये मामला 2017 के IRCTC घोटाले से अलग है?
IRCTC का मामला रेलवे भर्ती घोटाले से अलग है। IRCTC घोटाले का आरोप भी 2004 में लालू के रेल मंत्री रहते होने की बात है। दरअसल, रेलवे बोर्ड ने उस वक्त रेलवे की कैटरिंग और रेलवे होटलों की सेवा को पूरी तरह IRCTC को सौंप दिया था। इस दौरान रांची और पुरी के बीएनआर होटल के रखरखाव, संचालन और विकास को लेकर जारी टेंडर में अनियमिताएं किए जाने की बातें आई थीं।
ये टेंडर 2006 में एक प्राइवेट होटल सुजाता होटल को मिला था। आरोप है कि सुजाता होटल्स के मालिकों इसके बदले लालू यादव परिवार को पटना में तीन एकड़ जमीन दी, जो बेनामी संपत्ति थी। इस मामले में भी लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत कई लोग आरोपी हैं।
लालू पर और कौन-कौन से आरोप लगे हैं?
लालू प्रसाद यादव केवल नौकरी के बदले जमीन घोटाला, आईआरसीटीसी घोटाले में नहीं फंसे हैं। वह चारा घोटाले के अलग-अलग पांच मामलों में दोषी भी करार दिए जा चुके हैं। आइए जानते हैं सभी पांच मामलों के बारे में और कोर्ट ने क्या-क्या सजा सुनाई?