देश भर में सीरियल ब्लास्ट की साजिश नाकाम, वसंत पंचमी पर हिंदूवादी संगठनों के कार्यक्रम थे आतंकियों के निशाने पर
वसंत पंचमी के मौके पर देश के विभिन्न हिस्सों में सीरियल ब्लास्ट की साजिश को यूपी एसटीएफ ने नाकाम कर दिया है। यूपी एसटीएफ ने लखनऊ से द पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार युवकों में अंसद बदरुद्दीन और फिरोज खान शामिल है। दोनों केरल के रहने वाले हैं।
यूपी पुलिस और यूपी एसटीएफ ने लखनऊ से दो पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से भारी मात्रा में विस्फोटक सामान और हथियार भी बरामद हुए हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी बड़ी साजिश को अंजाम देने की तैयारी में आए थे। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि लखनऊ के गुडंबा थाना क्षेत्र के पिकनिक स्पॉट से पीएफआई के सदस्यों को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है।
उन्होंने बताया कि पकड़े गए दोनों संदिग्ध देश में बड़े हमले की साजिश को अंजाम देने आए थे। इनके निशाने पर हिन्दू संगठनों के बड़े नेता भी बताए जा रहे हैं। गिरफ्तार किए गए दोनों संदिग्ध केरल के रहने वाले हैं। पूछताछ के दौरान दोनों संदिग्धों ने अपना नाम बदरुद्दीन और फिरोज बताया है। तलाशी में एसटीएफ ने इनके पास से विस्फोटक, डेटोनेटर और हथियार भी बरामद किए हैं। साथ ही कुछ दस्तावजे भी संदिग्धों के पास से मिले हैं, जिन्हें एसटीएफ ने कब्जे में कब्जे में ले लिया है। एसटीएफ दोनों संदिग्धों से पूछताछ कर रही है।
11 फरवरी को ट्रेन से लखनऊ आने की एसटीएफ को मिली थी सूचना
एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि पकड़े के गए पीएफआई के दो सदस्यों के आने एसटीएफ को पहले ही सूचना मिल गई थी। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार दोनों संदिग्धों का मकसद लखनऊ में कुछ सदस्यों को विस्फोटक सामान बांटना भी था। एडीजी ने बताया पूछताछ के बाद संदेह के घेरे में आए कुछ युवकों के बाने में छानबीन की जा रही है। उन्होंने बताया कि दोनों के पहले 11 फरवरी को ट्रेन से लखनऊ आने की सूचना मिली थी, तब एसटीएफ ने घेराबंदी भी की थी, लेकिन दोनों का कुछ पता नहीं च सकता था। मंगलवार को एसटीएफ को फिर से दोनों संदिग्धों के आने की सूचना मिली तो अलर्ट हो गई। एसटीएफ और पुलिस ने मिलकर संदिग्धों की तलाश की। उन्होंने बताया कि दोनों को पिकनिक स्पॉट के पास से एसटीएफ को पकड़ने में कामयाबी मिली। एसटीएफ की पूछताछ में दोनों ने बताया पीएफआई छोटे-छोटे दल बना रही है। इन युवकों को हथियार चलाने से लेकर विस्फोटक तक की ट्रेनिंग दी जा रही है। दोनों आरोपितों को एसटीएफ बुधवार सुबह लखनऊ की कोर्ट में पेश करेगी।
आपको बता दें कि हाथरस केस में भी पीएफआई पर दंगा भड़काने के कई आरोप लग चुके हैं। मामले में पीएफआई राउफ शरीफ को गिरफ्तार करके उनके खिलाफ कार्रवाई भी चल रही है। शरीफ को 12 दिसंबर 2020 को उस वक़्त गिरफ्तार किया गया था जब वह देश छोड़कर दुबई जाने की कोशिश कर रहा था। उसे केरल में एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था तभी से वह जेल में था। जेल से जमानत पर रिहा होते ही एसटीएफ ने उसे अपनी हिरासत में ले लिया। इससे पहले हाथरस दंगों की साजिश में पीपुल्स फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) और उसके स्टूडेंट विंग कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) से जुड़े चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसमें सिद्दीक कप्पन, अतिकुर्रहमान, मसूद अहमद और मोहम्मद आलम शामिल हैं। मथुरा पुलिस ने इन सभी चारों को एक कार से उस वक़्त गिरफ्तार किया था जब वे गैंगरेप पीड़िता के परिवार से मिलने के बहाने हाथरस जा रहे थे। उनके पास से आपत्तिजनक साहित्य भी बरामद हुआ था। इस मामले की जांच ईडी भी कर रहा है।
अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि वसंत पंचमी के मौके पर यह देश भर में कई प्रमुख स्थानों पर एक साथ धमाके करने वाले थे। इनके निशाने पर प्रमुख हिंदू संगठनों के बड़े पदाधिकारियों पर एक साथ हमला करने की योजना बना रहे थे। इनके पास से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया गया है। यह विस्फोटक कई अन्य लोगों में बांटे जाने थे और घटनाओं को अंजाम दिया जाना था। गिरफ्तार युवकों में बदरुद्यीन पीएफआई का कमांडर है जबकि फिरोज असलहों का ट्रेनर है।
11 फरवरी को मिला था इनपुट
प्रशांत कुमार ने बताया कि पीएफआई के इन दोनों सदस्यों के 11 फरवरी को ट्रेन से आने की सूचना मिली थी। जिसके बाद ट्रेन को सर्च कराया गया लेकिन इन युवकों की लोकेशन नहीं मिल सकी। आज इन युवकों के कुकरैल के पिकनिक स्पॉट पर मिलने की योजना बनाई थी। एसटीएफ को इसकी भनक लगी तो मंगलवार की शाम साढ़े छह बजे एसटीएफ की टीम ने गुडंबा क्षेत्र के कुकरैल तिराहा के पास से दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।
अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि पीएफआई इस काम को अंजाम देने के लिए यूपी के अलावा दूसरे राज्यों में भी अपने सदस्य बना रही है। इसमें मुख्य किरदार बदरुद्दीन निभा रहा था। जबकि फिरोज असलहों की ट्रेनिंग देता है। उन्होंने बताया कि यह लोग देश के अलग अलग हिस्सों में वर्ग विशेष के युवकों को बरगला कर उनका ब्रेन वॉश कर रहे हैं और फिर उन्हें असलहों की ट्रेनिंग देने की योजना बना रहे हैं।
पूरे प्रदेश में अलर्ट
प्रशांत कुमार ने बताया कि इन युवकों के मंसूबों को देखते हुए पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि 17 फरवरी को पीएफआई का स्थापना दिवस है, इस लिए भी अलर्ट जारी किया गया है। इन दोनों के पास से एसटीएफ ने ट्रेन के 12 टिकट बरामद हुए हैं। यानी यूपी के अलग अलग जगहों पर यह लोग जा चुके हैं। इन लोगों ने विस्फोटक कुछ और लोगों को दिए हैं या नहीं यह पता लगाया जा रहा है। इन दोनों युवकों के संपर्क में आए लोगों के बारे में एसटीएफ जानकारी जुटा रही है।
प्रशांत कुमार ने बताया कि हाथरस में भी जातीय हिंसा फैलाने में पीएफआई का नाम सामने आया था। जिसके बाद कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली हिंसा में भी पीएफआई का नाम सामने आ चुका है।
यूपी में अब तक 123 गिरफ्तार
एडीजी कानून व्यवस्था ने बताया कि यूपी में बीते एक साल में पीएफआई के 123 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पीएफआई का मंसूबा न सिर्फ प्रदेश का अमन चैन को बिगाड़ने का है बल्कि कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा करने का भी है।
रऊफ ने दिया कमांडर का सुराग
हाथरस में हिंसा की साजिश में पिछले दिनों केरल से गिरफ्तार रऊफ को एसटीएफ मथुरा ले आई थी और उसे न्यायालय में पेश किया था। एसटीएफ की कस्टडी के दौरान रऊफ ने कमांडर और ट्रेनर के बारे में जानकारी दी थी। माना जा रहा है कि उसी के बाद से एसटीएफ सक्रिय हुई और उसे बड़ी कामयाबी मिली।
बरामद सामानों में डेटोनेटर भी
यूपी एसटीएफ ने जो सामान बरामद किए हैं उसमें 16 उच्च विस्फोटक, एक्सप्लोसिव डिवाइस, बैट्री डेटोनेटर और लाल रंग का एक बंडल तार, 1 पिस्टल, 7 कारतूस, 4800 रुपये नगद, 1 पैन कार्ड, 4 एटीएम कार्ड, 2 डीएल, 1 आधार कार्ड, 2 पेन ड्राइव, 1 मेट्रो कार्ड और 12 रेलवे टिकट शामिल हैं।