Friday, March 14, 2025
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कम्प्यूटर बाबा का अतिक्रमण साफ किया प्रशासन ने,दिग्विजय सिंह के खास

मध्य प्रदेश में कभी कैबिनेट मंत्री का दर्जा हासिल करने वाले और कांग्रेस पार्टी (Congress) के करीबी रहे कंप्यूटर बाबा (Computer Baba) परेशानी में घिर गए हैं. इंदौर में प्रिवेंटिव डिटेंशन के तहत कंप्यूटर बाबा उर्फ नामदेव दास त्यागी को पुलिस ने हिरासत में लेकर सेंट्रल जेल भेज दिया है. प्रशासन की इस कार्रवाई के तहत कंप्यूटर बाबा सहित 7 लोगों को जेल भेजा गया है.

इसके अलावा इंदौर में स्थित उनके आश्रम को भी तोड़ने की कार्रवाई की जा रही है. कंप्यूटर बाबा के खिलाफ इस कार्रवाई का राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने विरोध किया है.
मामले को लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा कि इंदौर में बदले की भावना से कंप्यूटर बाबा का आश्रम व मंदिर बिना किसी नोटिस दिए तोड़ा जा रहा है. यह राजनैतिक प्रतिशोध की चरम सीमा है. मैं इसकी निंदा करता हूं.
मध्य प्रदेश में विधानसभा की 28 सीटों के लिए हुए उपचुनाव में कंप्यूटर बाबा को कांग्रेस पार्टी ने स्टार प्रचारक का दर्जा दिया था. इसके तहत नामदेव दास त्यागी ने विभिन्न विधानसभा सीटों पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ पार्टी के उम्मीदवारों के समर्थन में वोट मांगे थे. कांग्रेस पार्टी के करीबी रहे कंप्यूटर बाबा अपने बयानों की वजह से अक्सर चर्चा में रहते हैं. प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस सरकार से सिंधिया समर्थक विधायकों के इस्तीफे के बाद भी कंप्यूटर बाबा के बयान सुर्खियों में आए थे. बहरहाल, अब देखना है कि जब बाबा आश्रम पर सरकार ने हथौड़ा चलाया है, तो इस हालात से वे कैसे निपटते हैं।

कंप्यूटर बाबा का असली नाम नामदेव दास त्यागी है। वर्ष 1998 में नरसिंहपुर के एक संत ने कंप्यूटर बाबा नाम दिया था, क्योंकि बाबा का दिमाग तेज चलता था। लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में बाबा के कंप्यूटर मेंं राजनीति का वायरस आ गया था। भाजपा के शासनकाल में कंप्यूटर बाबा ने अपना अवैध साम्राज्य गोम्मटगिरी टेकरी के समीप बढ़ाया। तब उन पर शिकंजा नहीं कसा गया, लेकिन कंप्यूटर बाबा ने पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का साथ देना शुरू कर दिया था। सरकार के खिलाफ उन्होंने नर्मदा यात्रा निकालने का ऐलान कर दिया था, तब भाजपा सरकार ने उन्हें नदी न्यास का अध्यक्ष नियुक्त किया था, लेकिन चुनाव के पहले कंप्यूटर बाबा ने इस्तीफा देकर यात्रा निकाल ली और तब इंदौर में एक बड़ा आयोजन भी किया था। बाबा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के करीबी माने जाते हैंं। वर्ष 2018 के चुनाव में कांग्रेस का साथ देने के कारण वैसे ही कंप्यूटर बाबा पर सरकार की नजरे टेढ़ी थी। इस साल बाबा की जन्म कुंडली स्थानीय अफसरों ने तैयार कर ली थी।

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