ISI, ISISI और गोरी… दिल्ली दहलाने के लिए 3 बड़ी ताकतों ने कर ली थी तैयारी, बेस बना कर जुटा लिए थे हथियार: धराया ₹3 लाख का इनामी आतंकी तो खुला राज
एक बड़े आतंकी मॉड्यूल मामले की जाँच से अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन ISIS, पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) और भगोड़े आतंकवादी फरहतुल्ला गोरी के बीच एक खतरनाक साँठगाँठ का पता चला है, जिसमें दिल्ली/NCR में एक आतंकी ऑपरेशन के लिए न सिर्फ वैचारिक समर्थन जुटाया गया था, बल्कि साजोसामान और वित्तीय मदद भी उपलब्ध कराई गई थी। ये सभी एक-दूसरे का सहयोग करते हुए काम कर रहे थे।
फ्री प्रेस जर्नल द्वारा एक्सेस की गई राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) की एक गोपनीय रिपोर्ट से पता चला है कि गिरफ्तार ISIS आतंकवादी शाहनवाज आलम और मोहम्मद रिजवान अशरफ एक विदेशी ISIS हैंडलर के निर्देशों पर काम करते थे, जिनके साथ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और वांछित आतंकवादी फरहतुल्ला भी जुड़ा है। गोरी की अगुवाई में दिल्ली/एनसीआर क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए उन्हें ऑपरेशन के लिए अवैध तरीकों से धन, रसद सहायता और विस्फोटक भी प्राप्त हुए।
खुफिया एजेंसियों के विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, यह पहला मामला है जब ISIS की आतंकी साजिश में ISI और गोरी की संलिप्तता उजागर हुई है। जाँच एजेंसियों को संदेह है कि आईएसआई इस समय आतंकी संगठन के साथ मिलकर भारत में गतिविधियां चला रही है। विदेशी हैंडलर संभावित रूप से पाकिस्तान स्थित आईएसआई एजेंट या आतंकवादी हो सकता है।
ISIS का महाराष्ट्र मॉड्यूल ध्वस्त
एनआईए की रिपोर्ट में पुणे पुलिस, महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) और एनआईए द्वारा जुलाई 2023 में आईएसआईएस महाराष्ट्र मॉड्यूल को नष्ट किया। मास्टरमाइंड इमरान खान और अन्य को पकड़ लिया गया, लेकिन शाहनवाज भागने में सफल रहा। इस दौरान, आईएसआईएस हैंडलर ने आईएसआई के एजेंट और भगोड़े आतंकवादी गोरी से शाहनवाज का कनेक्शन बनवाया। आईएसआई के हैंडलर और गोरी के निर्देशों का पालन करते हुए शाहनवाज और रिज़वान दिल्ली पहुँचे, जहाँ दिल्ली के एक अज्ञात आतंकी ने उनके लिए एक ठिकाने की व्यवस्था की।
रिपोर्ट के मुताबिक, आईएसआई और गोरी ने शाहनवाज और रिजवान को दिल्ली/एनसीआर में एक आतंकी ऑपरेशन के लिए एक महत्वपूर्ण मिशन सौंपा था। दिल्ली का आतंकी जो इस समय फरार है, उसी ने साजो-सामान संबंधी सहायता, हथियार और गोला-बारूद की खरीद का इंतजाम किया और इस काम के लिए फंडिंग की व्यवस्था की। उन दोनों ने दिल्ली में एक बेस स्थापित किया, इनकी मंशा दिल्ली/एनसीआर में एक बड़े आतंकी ऑपरेशन को अंजाम देने की थी। इस ऑपरेशन के शुरू होने से पहले ही दोनों को दिल्ली की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया।
आतंकी प्लानिंग के मैनेजमेंट में दिल्ली के ऑपरेटिव की भूमिका
सूत्रों के अनुसार, जाँच एजेंसियों को शक है कि दिल्ली स्थित संपर्क व्यक्ति वही व्यक्ति हो सकता है जिसने न केवल शाहनवाज के आतंकी ऑपरेशन के लिए साजो-सामान और वित्तीय सहायता की व्यवस्था की थी, बल्कि वह व्यक्ति भी हो सकता है जो साकिब नाचन से मिलने के लिए दिल्ली से ठाणे के पास पडघा तक गया था। जाँचकर्ताओं ने कहा कि दिल्ली का व्यक्ति आईएसआईएस हैंडलर के निर्देश पर आतंकी ऑपरेशन की योजना पर चर्चा करने के लिए मुंबई गया था, जिसे कथित तौर पर साकिब को अंजाम देना था।
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराए गए शाहनवाज के बयान के दौरान खुफिया इनपुट से आईएसआईएस के पूरे देश चलाए जाने वाले आतंकी ऑपरेशन के बारे में अहम जानकारी सामने आई है। शाहनवाज का बयान नाचन और उनके सहयोगियों सहित अन्य आईएसआईएस आतंकी मॉड्यूल लिंक के साथ उनके संबंध का संकेत देता है। एनआईए ने दिल्ली/एनसीआर, मुंबई और अन्य क्षेत्रों में आतंकवादी गतिविधियों के लिए उनकी योजना को समझने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ, विभिन्न तथ्यों का पता लगाने के लिए नाचन और अन्य आरोपियों की रिमांड ली है।
बता दें कि पिछले साल आईएसआई के अलावा कई आतंकी मामलों में गौरी का नाम सामने आता रहा है। NIA की जाँच से पता चला है कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख सदस्य गोरी, वैश्विक इस्लामी कट्टरपंथी आतंकवादी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) का नेतृत्व कर रहा है। गोरी सुरक्षा एजेंसियों की पकड़ में आने से बचने के लिए डार्क वेब पर एक चैट ग्रुप के माध्यम से काम करता है।
सालों तक सिक्योरिटी एजेंसियो से बचने के बाद गोरी का नाम फिर से तब सामने आया, जब उसके ऑडियो, वीडियो संदेश सोशल मीडिया पर मिले। साल 2022 की शुरुआत से वो ट्विटर, यूट्यूब, फेसबुक और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय हुआ, इसके बाद से सिक्योरिटी एजेंसियाँ उसे ट्रैक कर रही हैं।
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने 2 अक्टूबर, 2023 को ISIS से जुड़े 3 लाख रुपए के इनामी आतंकी शाहनवाज को गिरफ्तार किया है। इसी साल जुलाई माह में शाहनवाज महाराष्ट्र में पुणे पुलिस की कस्टडी से भाग निकला था। विदेश में बैठे आकाओं ने शाहनवाज को भारत में ISIS का स्लीपर सेल खड़ा करने का काम दिया था जिसे वो बखूबी अंजाम भी दे रहा था। इसके बाद से इस मॉड्यूल के कई आतंकी पकड़े जा हैं।