यदि सूत्रों की माने तो 30 जनवरी को ममता बनर्जी को बहुत बड़ा झटका लगने जा रहा है।40 से ज्यादा बड़े नेताओं की सूची फाइनल हो चुकी है जिसमें से कम से कम 16 इस दिन भाजपा में प्रवेश करने वाले हैं।
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में नेताओं के पाला बदल से पार्टी की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। सूत्रों का कहना है कि अब मंत्री, पूर्व मंत्री, सांसद व विधायक समेत 16 हैवीवेट तृणमूल नेताओं के भाजपा में शामिल होने की संभावना है। 30 जनवरी को गृहमंत्री व भाजपा के कद्दावर नेता अमित शाह बंगाल दौरे पर आ रहे हैं। माना जा रहा है कि उसी दिन ये नेता भाजपा में शामिल होंगे। हाल में तृणमूल कांग्रेस के नौ विधायक, एक सांसद भाजपा में शामिल हुए हैं। इसके बाद तृणमूल के दो मंत्री लक्ष्मीरतन शुक्ला व राजीब बनर्जी ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।
तृणमूल के पूर्व मंत्री व कद्दावर नेता सुवेंदु अधिकारी 19 दिसंबर को शाह की मौजूदगी में अपने छह विधायकों के साथ भाजपा शामिल हुए हैं। इसके अलावा तृणमूल के दो और विधायक मिहिर गोस्वामी व अरिंदम भट्टाचार्य ने हाल में भगवा झंडा थाम लिया है। सूत्रों का कहना है कि अब मंत्री, पूर्व मंत्री, सांसद व विधायक समेत 16 हैवीवेट तृणमूल नेताओं के भाजपा में शामिल होने की संभावना है। 30 जनवरी को अमित शाह बंगाल दौरे पर आ रहे हैं। माना जा रहा है कि शाह की सभा ये नेता भाजपा में शामिल होंगे। इस सूची में पूर्व मंत्री राजीब बनर्जी, मंत्री साधन पांडे, पूर्व मंत्री लक्ष्मीरतन शुक्ला, सांसद शिशिर अधिकारी, सांसद दिब्येंदु अधिकारी, सांसद सीएम जटुआ, सांसद प्रतिमा मंडल, सांसद आफरीन अली, राज्यसभा सदस्य अबीर विश्वास, विधायक जितेंद्र तिवारी, विधायक वैशाली डालमिया, विधायक बिश्वनाथ पड़ियाल, विधायक दीपक अधिकारी, विधायक दीपक हल्दर, विधायक उदयन गुहा व विधायक प्रबीर घोषाल का नाम शामिल है।
तृणमूल कांग्रेस में इन दिनों बागी नेताओ की फेहरिश्त लगातार बढ़ती जा रही है। ज्यादातर नेता पार्टी के रणनीतिकार प्रशांत किशोर की कार्यशैली से काफी खफा हैं। इसके अलावा कुछ नेता पार्टी में उचित सम्मान नहीं मिलने का भी रोना रो रहे हैं। वहीं, भाजपा का कहना है कि तृणमूल के अनगिनत नेता पार्टी के संपर्क में हैं। अमित शाह ने बंगाल भाजपा को विधानसभा चुनाव में 200 सीटें जीतने का लक्ष्य दिया है।
केंद्रीय गृहमंत्री व भाजपा के दिग्गज नेता अमित शाह 30 जनवरी को अपने बंगाल दौरे के समय बीसीसीआइ अध्यक्ष सौरव गांगुली के घर जाकर उनसे मुलाकात कर सकते हैं। इसे लेकर सियासी गलियारे में फिर सौरव के राजनीति में आने की अटकलें शुरू हो गई हैं। कुछ दिन पहले सौरव को दिल का हल्का दौरा पड़ने के बाद एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी एंजियोप्लास्टी हुई थी। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद से सौरव घर में आराम कर रहे हैं। अगले कुछ दिनों में उनकी दूसरी बार एंजियोप्लास्टी भी होनी है।
सौरव के अस्पताल में भर्ती रहने के समय केंद्रीय गृहमंत्री ने उनकी पत्नी डोना गांगुली को फोन कर दादा का हाल पूछा था और अब उनके अपने अगले बंगाल दौरे के समय सौरव के बेहला स्थित घर जाकर उनसे मुलाकात करने की चर्चा है। इसे राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी अहम माना जा रहा है। इसके पीछे वजह भी है।
बंगाल भाजपा सौरव को पार्टी में शामिल करने के लिए पिछले कुछ समय से काफी प्रयास कर रही थी। सौरव को दिल का दौरा पड़ने के बाद इस प्रयास को विराम दे दिया गया था। केंद्रीय गृहमंत्री के सौरव के घर जाने की खबरों से नए सिरे से यह प्रयास शुरू किए जाने की अटकलें शुरू हो गई हैं। बंगाल भाजपा सौरव को सीधे मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी के खिलाफ खड़ा करना चाहती है हालांकि सौरव कई बार कह चुके हैं कि उनकी राजनीति में कदम रखने की कोई योजना नहीं है। सौरव के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दोनों के साथ काफी अच्छे संबंध हैं। अमित शाह के पुत्र जय शाह बीसीसीआइ के सचिव हैं और सौरव के अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान वे उन्हें देखने कोलकाता भी आए थे। माना जा रहा ही कि मतुआ समुदाय के वोटरों को भाजपा में शामिल करने के लिए गृहमंत्री अमित शाह वहां जाएंगे और उनको संबोधित भी करेंगे।