बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार (16 अगस्त, 2022) को अपने नए मंत्रिमंडल का विस्तार किया, जिसके तहत 31 नए मंत्रियों ने शपथ ली। इनमें से 16 राजद के हैं, जिनमें दागी छवि के सुधाकर सिंह, चंद्रशेखर और सुरेंद्र यादव भी शामिल हैं। गृह और वित्त जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय जदयू के पास ही रहेंगे। नीतीश कुमार ने गृह मंत्रालय अपने पास ही रखा है। तेजस्वी यादव ने बतौर उप-मुख्यमंत्री उनके साथ पहले ही शपथ ले ली थी।
चावल घोटाले में सुधाकर सिंह का आया था नाम, अब बने कृषि मंत्री
नीतीश कुमार ने सुधाकर सिंह को नई राज्य सरकार में कृषि मंत्री बनाया है। बताया जा रहा है कि सुधाकर सिंह का नाम संभावितों में शामिल नहीं थे, लेकिन अंत समय तक उनके पिता जगदानंद सिंह ने सौदेबाजी की और इसमें कामयाब रहे। जगदानंद, राजद के प्रदेश अध्यक्ष हैं। वो नवंबर 2019 से ही इस पद पर हैं। लालू यादव और तेजस्वी यादव को खुद उन्हें मनाने के लिए उनसे बात करनी पड़ी। उनके बेटे सुधाकर सिंह बक्सर के रामगढ से विधायक हैं।
रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र का उनके पिता जगदानंद ने भी 4 बार प्रतिनिधित्व किया था। वो 1995 से 2009 तक इस सीट से लगातार 14 साल विधायक रहे। 2014 में बक्सर से सांसद निर्वाचित होने के बाद उन्होंने इस सीट को छोड़ दिया था। अब सुधाकर सिंह ने राजद के टिकट पर यहाँ से जीत दर्ज की। सुधाकर सिंह को मंत्री बनाना इसीलिए भी अजीब है, क्योंकि उन पर चावल घोटाले में केस करने वाली नीतीश कुमार की सरकार ही थी।
2013-14 में ये घोटाला हुआ था। उन पर आरोप था कि उन्होंने चावल जमा नहीं कराया और उसे गबन कर गए। न्यायिक दंडाधिकारी की प्रथम अदालत में ये मामला अब भी लंबित है। रामगढ थाने में ही उन पर केस हुआ था। लेकिन, लालू यादव के परिवार से उनके पिता की नजदीकी काम कर गई और उन्हें मंत्री पद मिल गया। नीतीश कुमार के खास मंत्री विजय कुमार चौधरी अब ये कह कर डैमेज कंट्रोल में लगे हैं कि जिस गाड़ी के ड्राइवर नीतीश कुमार हों, वो नियंत्रण में चलती रहेगी और सुशासन जारी रहेगा।
कारतूस के साथ हवाई अड्डे से गिरफ्तार किए गए थे राजद विधायक चंद्रशेखर
इसी तरह नीतीश कुमार की सरकार में एक और मंत्री बने हैं चंद्रशेखर यादव, जो मधेपुरा विधानसभा क्षेत्र से हैट्रिक लगा कर विधानसभा पहुँचे हैं। उन्हें 20 फरवरी, 2022 को दिल्ली स्थित इंदिरा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (IGIA) से गिरफ्तार किया गया था। वो अपने सामान के साथ 10 कारतूस लेकर भी जा रहे थे। हालाँकि, बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था। पेशे से वो प्रोफेसर हैं। उन्हें शिक्षा मंत्रालय का दायित्व सौंपा गया है।