Sunday, December 22, 2024
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मुख्यमंत्री फंसे बलात्कार के मामले में,वहशी दरिंदो की तरह नोचने का आरोप

2013 में अपने दोस्त के साथ मिलकर वर्तमान मुख्यमंत्री ने बलात्कार किया था मॉडल के साथ,साथ ही किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी थी।

राष्ट्रीय महिला आयोग ने हेमंत सोरेन पर लगाए गए दुष्कर्म के आरोप के मामले में संज्ञान लिया है। आयोग ने गुरुवार (17 दिसंबर, 2020) को कहा कि मीडिया रिपोर्ट में इसकी विस्‍तृत जानकारी दी गई है कि किस तरह झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता ने मॉडल के साथ न सिर्फ दुष्‍कर्म किया, बल्कि इस अपराध को लेकर मुँह न खोलने की धमकी भी दी। इस मामले में आयोग ने महाराष्ट्र के डीजीपी से रिपोर्ट माँगी है।
राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने मॉडल से कथित तौर पर रेप मामले में संज्ञान लेते हुए महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक को चिट्ठी लिखी है। DGP को लिखे पत्र में उन्होंने महाराष्ट्र पुलिस से सात साल में अब तक की गई कार्रवाई के पूरे ब्योरे की रिपोर्ट माँगी है।

ट्विटर पर साझा की गई जानकारी के अनुसार, आयोग ने कहा, “हमें मुंबई की एक मॉडल द्वारा हेमंत सोरेन पर रेप के आरोप की खबरें मीडिया रिपोर्ट्स में पढ़ने को मिली हैं। मॉडल ने आरोप लगाया है कि 2013 में हेमंत सोरेन और सुरेश नागरे नाम के व्यक्ति द्वारा न सिर्फ उसका रेप किया गया बल्कि उसे और उसके परिवार को लगातार धमकियाँ दी गई। मॉडल से कहा गया कि अगर उसने रेप की घटना सार्वजनिक की तो परिणाम भुगतने होंगे।”

स्टेटमेंट में आगे कहा गया है, “ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि पीड़ित मॉडल का एक कथित लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस लेटर में सात साल पहले की सारी घटनाओं का जिक्र है।”

गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हो रहा है। पत्र में झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर बलात्कार के आरोप लगाए गए हैं। साथ ही ‘Justice For Natasha (बदला हुआ नाम)’ भी ट्रेंड हो रहा है। शेयर किए गए पत्र में पीड़िता ने लिखा है कि वो 2013 में अभिनेत्री बनने का ख्वाब लिए बॉलीवुड में एंट्री करना चाहती थी, तभी उसकी दोस्ती सुरेश नागरे नामक व्यक्ति से हुई।
पत्र के अनुसार, “बातचीत और व्यवहार के हिसाब से सुरेश नागरे एक अच्छा व्यक्ति प्रतीत होता था। एक कॉमन दोस्त के जरिए हमारी मुलाकात हुई थी। उसके बाद कुछ अन्य कार्यक्रमों और पार्टियों में हम मिले। उसने मुझे फिल्म क्षेत्र में करियर बनाने के लिए मेरा समर्थन किया और मुझे ऐसे ही कई युवाओं से मिलवाया, जो बॉलीवुड में नाम कमाना चाहते थे। वो ऐसा दिखाता था, जैसे उसके बड़े लोगों से अच्छे संपर्क हों।”
इस पत्र में, जिसे पीड़िता का बताया जा रहा है, आगे दावा किया गया है कि सितम्बर 5, 2013 को सुरेश ने उसे बांद्रा वेस्ट स्थित होटल ताज लैंड्स में ये कह कर बुलाया कि वो कुछ प्रभावशाली लोगों से मिलवाएगा, लेकिन जब वो वहाँ पहुँचीं तो 3 ही लोग थे। दावा किया गया है कि इनमें से एक झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन थे और वहीं पीड़िता के साथ बलात्कार हुआ। बता दें कि जुलाई 2013 से दिसंबर 2014 के बीच भी हेमंत मुख्यमंत्री थे, जिसके बाद वो राज्य में नेता प्रतिपक्ष बने।
पत्र में पीड़िता ने कहा कि जब वो पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराने गई तो वहाँ भी उसे प्रताड़ित किया गया क्योंकि तब हेमंत सोरेन एक बड़े पद पर काबिज थे। उसने लिखा है कि सुरेश नागरे उसे फिर से हेमंत सोरेन के पास भेजने के लिए मैसेज कर रहा था, लेकिन वो नजरअंदाज करती रहीं। उसने बताया है कि इस मामले में बांद्रा पुलिस थाने में अक्टूबर 20, 2013 को आधा दर्जन से भी अधिक धाराओं के तहत शिकायत दर्ज कराई गई थी।

 

हेमंत सोरेन ने जानवर की तरह मेरा रेप किया’ – सोशल मीडिया पर पीड़िता ‘नताशा खान’ का पत्र वायरल

” alt=”” aria-hidden=”true” />हेमंत सोरेन, बलात्कार, झारखण्ड

BJP सांसद ने की थी CM हेमंत सोरेन के खिलाफ ‘रेप केस’ फिर से खोलने की माँग (फाइल फोटो)

सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हो रहा है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि ये एक रेप पीड़िता ने बांद्रा पुलिस को लिखा है। इस पत्र में झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर बलात्कार के आरोप लगाए गए हैं। साथ ही ‘Justice For Natasha (बदला हुआ नाम)’ भी ट्रेंड हो रहा है। शेयर किए गए पत्र में पीड़िता ने लिखा है कि वो 2013 में अभिनेत्री बनने का ख्वाब लिए बॉलीवुड में एंट्री करना चाहती थी, तभी उसकी दोस्ती सुरेश नागरे नामक व्यक्ति से हुई।

पत्र के अनुसार, “बातचीत और व्यवहार के हिसाब से सुरेश नागरे एक अच्छा व्यक्ति प्रतीत होता था। एक कॉमन दोस्त के जरिए हमारी मुलाकात हुई थी। उसके बाद कुछ अन्य कार्यक्रमों और पार्टियों में हम मिले। उसने मुझे फिल्म क्षेत्र में करियर बनाने के लिए मेरा समर्थन किया और मुझे ऐसे ही कई युवाओं से मिलवाया, जो बॉलीवुड में नाम कमाना चाहते थे। वो ऐसा दिखाता था, जैसे उसके बड़े लोगों से अच्छे संपर्क हों।”

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वायरल हो रहे पत्र का वो पेज, जिसमें रेप का उल्लेख

इस पत्र में, जिसे पीड़िता का बताया जा रहा है, आगे दावा किया गया है कि सितम्बर 5, 2013 को सुरेश ने उसे बांद्रा वेस्ट स्थित होटल ताज लैंड्स में ये कह कर बुलाया कि वो कुछ प्रभावशाली लोगों से मिलवाएगा, लेकिन जब वो वहाँ पहुँचीं तो 3 ही लोग थे। दावा किया गया है कि इनमें से एक झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन थे और वहीं पीड़िता के साथ बलात्कार हुआ। बता दें कि जुलाई 2013 से दिसंबर 2014 के बीच भी हेमंत मुख्यमंत्री थे, जिसके बाद वो राज्य में नेता प्रतिपक्ष बने।

पत्र में पीड़िता ने कहा कि जब वो पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराने गई तो वहाँ भी उसे प्रताड़ित किया गया क्योंकि तब हेमंत सोरेन एक बड़े पद पर काबिज थे। उसने लिखा है कि सुरेश नागरे उसे फिर से हेमंत सोरेन के पास भेजने के लिए मैसेज कर रहा था, लेकिन वो नजरअंदाज करती रहीं। उसने बताया है कि इस मामले में बांद्रा पुलिस थाने में अक्टूबर 20, 2013 को आधा दर्जन से भी अधिक धाराओं के तहत शिकायत दर्ज कराई गई।

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वायरल पत्र का हिस्सा

इसके बाद पत्र में पीड़िता द्वारा दावा किया गया है कि शिकायत दर्ज कराते ही उसे और उसके परिवार को जान से मार डालने की धमकियाँ मिलने लगीं और आरोपितों की तरफ से फोन कॉल करवाए जाने लगे। उसने लिखा है कि दबाव बना कर उससे हस्ताक्षर कराया गया और उसे बाद में पता चला कि केस वापस लेने के लिए ऐसा किया गया है। साथ ही खुद के डरे होने की बात कहते हुए FIR दर्ज कराने की माँग की गई है।

पत्र में पीड़िता ने अपना नाम ‘नताशा खान’ (बदला हुआ नाम) बताया है। बांद्रा पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर को लिखे गए इस पत्र में उसने लिखा है कि इससे पहले वो शिकायत दर्ज कराने की स्थिति में नहीं थी, क्योंकि उसे पता था कि एक प्रभावशाली व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी और उसे ही प्रताड़ित किया जाएगा। अब लोग इस पत्र की कॉपी ट्विटर पर वायरल करते हुए हेमंत सोरेन के खिलाफ कार्रवाई की माँग कर रहे हैं।

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वायरल पत्र का एक और हिस्सा

इससे पहले जुलाई 2020 में गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने माँग की थी कि हेमंत सोरेन के खिलाफ जो 2013 में बलात्कार व अपहरण का मामला दर्ज किया गया और बाद में कॉम्प्रमाइज करते हुए इसे वापस ले लिया गया था, उस मामले को फिर से खोला जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि जब इसे लेकर दुमका में उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, तब उनके खिलाफ शैक्षिक योग्यता और संपत्ति से जुड़े केस कर दिए गए, जो कोर्ट में नहीं ठहरे।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा था, “डीजीपी एमवी राव के साथ मिल कर झारखण्ड के मुख्यमंत्री स्थानीय माफिया के माध्यम से पीड़िता की हत्या कराना चाहते हैं। उसकी जान खतरे में है, इसीलिए मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से माँग करता हूँ कि उसे सुरक्षा दी जाए। बलात्कार, घूसखोरी, धमकी, अपहरण हत्या की साजिश और पुलिस व सत्ता के दुरूपयोग के इस मामले की सीबीआई जाँच कराई जाए। सुप्रीम कोर्ट का भी कहना है कि ऐसे मामलों में इस तरह से केस वापस लेने पर मामला रद्द नहीं किया जा सकता।”

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