NCB और NCP की शुरू हुई लड़ाई अब BJP तक पहुंच चुकी है। एक ड्रग पैडलर के साथ पत्नी का नाम जोड़ने से नाराज महाराष्ट्र के पूर्व CM देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके NCP नेता नवाब मलिक पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मलिक की कंपनी ने उन लोगों से जमीन खरीदी है जो 1993 के मुंबई ब्लास्ट के आरोपी हैं। यह जमीन दाऊद इब्राहिम से जुड़ी है।
फडणवीस ने कुछ दिन पहले कहा था कि नवाब मालिक के अंडरवर्ल्ड से संबंध हैं और दिवाली बाद वे बम फोड़ेंगे। कुछ देर बाद नवाब मलिक ने भी PC बुलाई जिसमें वे फडणवीस के आरोपों पर जवाब दे रहे हैं।
इधर प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जो वह बता रहे हैं वह सलीम जावेद की स्टोरी या इंटरवल के बाद की फिल्म नहीं है, बल्कि राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़ा मसला है। इन आरोपों पर नवाब मलिक ने सफाई देते हुए कहा कि फडणवीस ने राई का पहाड़ बनाकर इस मामले को पेश किया है। देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि दिवाली के बाद बम फोड़ूंगा, बम तो नहीं फूटा लेकिन अब कल 10 बजे में अंडरवर्ल्ड का हाईड्रोजन बम फोड़ूंगा।
पूर्व रॉ अधिकारी ने किया था पवार-दाऊद संबंधों का दावा, अब उसकी बहन से जुड़े नवाब मलिक के तार: जानिए कौन है सलीम पटेल
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे सरकार में मंत्री नवाब मलिक के आतंकी दाऊद इब्राहिम से लिंक का खुलासा किया है। अब खबर आई है कि NCP अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल के आवास पर एक बड़ी बैठक में हिस्सा लिया है। इस बैठक में मुंबई के पुलिस कमिश्नर हेमंत नागराले और CP (लॉ एंड ऑर्डर) वी नांगरे पाटिल को भी तलब किया गया। इसमें आर्यन खान ड्रग्स मामले को लेकर चर्चा की गई। नवाब मलिक ने फिर से खुलासे की धमकी दी है।
देवेंद्र फडणवीस ने एक सलीम पटेल का जिक्र अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया, जिसे आतंकी दाऊद इब्राहिम का करीबी बताया जाता है। वो दाऊद की बहन हसीना पार्कर का ड्राइवर और बॉडीगार्ड हुआ करता था। 2007 में ये दोनों ही गिरफ्तार किए गए थे। जाँच में खुलासा हुआ था कि दाऊद इब्राहिम की सारी संपत्तियों को हसीना के नाम पर किया जा रहा है और इस पूरे मामले में ‘पॉवर ऑफ अटॉर्नी’ सलीम को बनाया जा रहा था। उसे ‘गोवा पटेल’ के नाम से अंडरवर्ल्ड में जाना जाता था।
जमीन के कब्जे की सारी वारदातों को वो अपने हाथ में लेता था और पूरा करता था। हैदराबाद बम ब्लास्ट मामले के अलावा रंगदारी और धोखाधड़ी के उस पर कई मामले दर्ज हैं। 2010 में तत्कालीन गृह मंत्री आरआर पाटिल के साथ सलीम पटेल की कुछ तस्वीरें भी सामने आई थीं। एक इफ्तार में दोनों बातचीत करते हुए दिखे थे। पाटिल को तब विपक्ष के आरोपों के बाद सफाई देनी पड़ी थी। ये पार्टी 11 सितंबर 2010 को राज्य अल्पसंख्यक आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष नसीम कुरैशी के घर पर हुई थी।
इसी इफ्तार पार्टी में भाजपा के विधायक रहे प्रेम कुमार शर्मा की हत्या का आरोपित मोबिन कुरैशी भी उपस्थित था और उसने पाटिल को गुलदस्ता भेंट किया था। उस पर भी एक दर्जन मामले दर्ज हैं। वो पेशे से बिल्डर था और अवैध निर्माण के कई नोटिस उसे मिल चुके थे। दिवंगत आरआर पाटिल NCP और कॉन्ग्रेस में रहे थे। वो महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री भी थे। 26/11 हमले के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था, लेकिन 2009 में उन्हें फिर गृह मंत्री बना दिया गया था।
अब नवाब मलिक ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर कहा है कि देवेंद्र फडणवीस ने सब कुछ ‘राई का पहाड़’ बना कर पेश किया है और असली ‘हाइड्रोजन बम’ तो वो अब फोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि फडणवीस के सीएम कार्यकाल में मुंबई हॉस्टेज बनी हुई थी और दुबई में बैठ कर अंडरवर्ल्ड वाले उगाही करते थे। नवाब मलिक ने कहा कि जिस जमीन की बात हो रही, वहाँ उनका परिवार पहले किराएदार था और बाद में मालिकाना हक़ मिला। उन्होंने दावा किया कि वहाँ पहले से उनके गोदाम और दुकानें थीं।
बता दें कि रॉ के एक पूर्व अधिकारी ने NCP अध्यक्ष शरद पवार के सम्बन्ध में बड़ा खुलासा किया था। उन्होंने बताया था कि पवार और कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गॉंधी के बेहद करीबी माने जाने वाले पार्टी सांसद अहमद पटेल के दाऊद से करीबी संबंध थे। कॉन्ग्रेस और एनसीपी नेताओं से अपनी इसी करीबी का फायदा उठाकर अंडरवर्ल्ड डॉन देश से भाग निकलने में कामयाब रहा। उसे पकड़ कर लाने के खुफिया ऑपरेशन भी इसकी भेंट चढ़े। 1993 मुंबई ब्लास्ट के इस गुनहार को केंद्र सरकार ने हाल ही में यूएपीए कानून के तहत आतंकी घोषित किया है।
सूद ने एक साक्षात्कार में कहा था कि जब दाऊद और मुंबई धमाकों के अन्य आरोपी देश से भागे, तब पवार मुख्यमंत्री थे। उनके मुताबिक धमाकों के बाद दाऊद और उसके गुर्गों के खिलाफ कानून-प्रवर्तन एजेंसियों ने सख्ती नहीं की। इस सबसे संकेत मिलते हैं कि शरद पवार और दाऊद के बीच संबंध थे। उन्होंने कहा था, “यह जगजाहिर है कि शरद पवार के दाऊद इब्राहिम से संबंध थे।” सूद ने जोर देकर कहा था कि आतंकवाद के सरपरस्त मुल्क पाकिस्तान की तारीफ करने के पीछे पवार और दाऊद इब्राहिम के ही संबंध ही हैं। दाऊद के साथ उनका व्यापारिक संबंध भी रहा है।
इसी तरह शरद पवार के एक अन्य करीबी NCP नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल के इकबाल मिर्ची से संबंधों का खुलासा हुआ था। प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें अवैध वित्तीय लेनदेन के मामले में समन भेजा था। उन्होंने अंडरवर्ल्ड के अपराधी इक़बाल मिर्ची की पत्नी हाजरा मेनन के साथ डील की बात स्वीकारी थी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रफुल्ल पटेल और मिर्ची की डील को देशद्रोह करार दिया था। उन्होंने शरद पवार और राहुल गाँधी को भी इस मामले में ख़ुद को पाक-साफ़ साबित करने को कहा था। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी कहा था कि पटेल के दाऊद के साथ क्या सम्बन्ध हैं, वह जाहिर करें।
देवेंद्र फडणवीस ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या आरोप लगाए
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उनके जो आरोप हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा एक गंभीर मुद्दा है। उन्होंने 1993 के मुंबई बम धमाकों का जिक्र करते हुए कहा कि उस घटना में सरदार शाह वली खान दोषी था और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। फ़िलहाल वो जेल में है। फड़नवीस ने बताया कि ये व्यक्ति आतंकी टाइगर मेनन को हथियारों का प्रशिक्षण देने में शामिल था। उसने स्टॉक एक्सचेंज और बीएमसी में बम कहाँ रखना है, इसकी रेकी की थी। सुप्रीम कोर्ट ने उसकी उम्रकैद की सज़ा बरक़रार रखी थी।
In such serious matter where underworld, bomb blast convicts have connections with Minister Nawab Malik, I will submit the documents to appropriate agencies for further investigation : #DevendraFadnavis@Dev_Fadnavis pic.twitter.com/YfxlBn0pVZ
— @OfficeOfDevendra (@Devendra_Office) November 9, 2021
इसके बाद उन्होंने एक सलीम पटेल का नाम लिया, जो दाऊद की बहन हसीना पारकर का बॉडीगार्ड और ड्राइवर है। उसे 2007 में हसीना पारकर के साथ गिरफ्तार किया गया था। देवेंद्र फड़नवीस की में तो मुंबई पुलिस के रिकॉर्ड के मुताबिक, दाऊद के फरार होने के बाद संपत्ति हसीना के नाम जमा कराई जा रही थी और ये काम सलीम पटेल ने किया था। उसके नाम पर पावर ऑफ अटॉर्नी चलती थी। उन्होंने आरोप लगाया कि सलीम पटेल जमीन पर कब्जे का काम करता था।
देवेंद्र फड़नवीस ने खुलासा किया, “सॉलिडस कंपनी ने 2007 में 2053 रुपए प्रति वर्ग फुट में जमीन खरीदी थी। तीन एकड़ जमीन अंडरवर्ल्ड के लोगों से महज 30 लाख रुपए में खरीदी गई थी, जिसमें से 20 लाख रुपए दिए गए। सलीम पटेल के खाते में 15 लाख रुपए गए तो 5 लाख शाह वली खान को मिला। जमीन की कम कीमत दिखाने के लिए किए बहुत सारे घोटाले हुए। लेन-देन 2003 में शुरू हुआ और 2005 में समाप्त हुआ। तब नवाब मलिक मंत्री थे।”
उन्होंने सॉलिडस नाम की एक कंपनी का जिक्र करते हुए कहा कि नवाब मलिक पहले इसके सदस्य थे और अब उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने दावा किया कि NCP नेता नवाब मलिक का परिवार अब भी इस कंपनी से जुड़ा हुआ है। देवेंद्र फड़नवीस ने सवाल दागा कि नवाब मलिक ने मुंबई के हमलावरों से जमीन क्यों खरीदी? इन अपराधियों ने तीन एकड़ जमीन नवाब मलिक को सिर्फ 30 लाख रुपये में क्यों दी? फड़नवीस ने कहा कि राज्य सरकार टाडा के आरोपितों की जमीन नियमानुसार जब्त करती है, क्या आपको यह जमीन इसलिए दी गई कि इसे जब्त न किया जाए?