Saturday, December 21, 2024
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कांग्रेस में बड़ी टूट फुट की दहशत,एक विधायक खुद ही निकाला

असम में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले दलबदल का खेल शुरू हो चुका है। लंबे समय से कांग्रेस विधायक अंजता नियोग के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें थीं। शुक्रवार को पार्टी ने नियोग को पार्टी से निकाल दिया। उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। इससे पहले नियोग को मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और मंत्री हिमंता बिस्व सरमा से मुलाकात के बाद पार्टी के एक अहम पद से हटा दिया गया था।

बता दें कि अंजता नियोग गोलाघाट से चार बार विधायक रह चुकी हैं। वह प्रदेश सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं। शुक्रवार रात कांग्रेस पार्टी की ओर से जारी एक आदेश के बाद नियोग को गोलाघाट जिला कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया था। इसके कुछ घंटों के बाद उन्हें पार्टी से भी निकाल दिया गया। सूत्रों ने बताया कि ऊपरी असम में एक मजबूत नेता के रूप में पहचान रखने वाली नियोग के केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राज्य की यात्रा के दौरान 26 या 27 दिसम्बर को बीजेपी में शामिल होने की संभावना है।

बता दें कि नियोग ने गुरुवार को सरमा की उपस्थिति में सोनोवाल से उनके आधिकारिक आवास पर एक बैठक की थी। कांग्रेस विधायक ने हालांकि कहा था कि उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता से मुलाकात की थी। सूत्रों ने बताया कि विधायक नियोग के साथ गोलाघाट विधानसभा सीट के कई ब्लॉक अध्यक्षों समेत कांग्रेस के लगभग 100 कार्यकर्ता भी बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।

 

बता दें कि असम में अगले साल मार्च-अप्रैल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। मौजूदा 126 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी 60 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, जबकि उसके सहयोगियों असम गण परिषद (एजीपी) और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के क्रमश: 14 और 12 विधायक हैं। राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन को एक निर्दलीय विधायक का भी समर्थन हासिल है। कांग्रेस के इस समय 22 विधायक हैं, जबकि ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के 14 विधायक हैं।

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