Friday, November 22, 2024
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(LIVE VIDEO) सलीम उर्फ योगेंद्र यादव की कुत्ता पिटाई होने से बची,कांग्रेस के पक्ष में परोक्ष चुपचाप प्रचार करने गया था,मीठा गुड़ है सलीम योगेंद्र यादव

 

योगेंद्र यादव के भाषण के दौरान 40-50 लोगों ने मचाया हल्ला, मंच पर चढ़कर किया हंगामा, किसी तरह उन्हें बचाकर बाहर निकाला गया

महाराष्ट्र में चुनाव (Maharashtra Elections) से पहले राज्य में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। हर पार्टी चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इसी कड़ी में हाल ही में स्वराज इंडिया पार्टी के संस्थापक योगेंद्र यादव (Swaraj India Party founder Yogendra Yadav) भी अपनी राजनीति चमकाने में जुटे हैं। लेकिन उनकी राजनीति में दूसरी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने खलल डाल दिया। दरअसल, योगेंद्र यादव महाराष्ट्र के अकोला में एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। जब वह अपना भाषण दे रहे थे, तभी 40 से 50 नाराज लोग मंच पर चढ़ गए और उन्हें धक्का देना शुरू कर दिया। मिली जानकारी के मुताबिक, भीमराव अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर (Prakash Ambedkar) की पार्टी वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) के कार्यकर्ताओं ने योगेंद्र यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

 

 

 

रिपोर्ट्स के मुताबिक योगेंद्र यादव अपने ‘भारत जोड़ो’ अभियान के तहत अकोला पहुंचे थे। तभी यह घटना हुई। वीबीए कार्यकर्ता उनकी सभा में पहुंचे और हंगामा करने लगे। कार्यकर्ता योगेंद्र यादव के मंच पर चढ़ गए और तोड़फोड़ करने लगे और कुर्सियां ​​भी फेंकने लगे। कार्यक्रम में अराजकता फैल गई और पूरा सभागार ‘जवाब दो, जवाब दो’ के नारों से गूंज उठा। हालांकि, पुलिस और योगेंद्र यादव के समर्थकों ने VBA कार्यकर्ताओं को मंच पर चढ़ने से रोकने की कोशिश जारी रखी। कार्यकर्ताओं को कड़ी मशक्कत के बाद वहां से बाहर निकाला गया। योगेंद्र यादव को चुनावी सभा के बीच में ही अपना संबोधन छोड़कर वहां से चले जाना पड़ा। इस दौरान स्थिति इतनी खराब हो गई कि योगेंद्र यादव को वीबीए कार्यकर्ताओं की भीड़ से निकालना मुश्किल हो गया। किसी तरह पुलिस अधिकारियों और उनके समर्थकों ने उन्हें घेर लिया और वहां से हटाया। मैं अकोला वापस आऊंगा – योगेंद्र यादव इस घटना को लेकर योगेंद्र यादव ने अपने एक्स हैंडल पर दुख जताते हुए लिखा – “आज अकोला (महाराष्ट्र) में भारत जोड़ो अभियान के मुझ पर और मेरे साथियों पर हुआ हमला हर लोकतंत्र प्रेमी के लिए गंभीर चिंता का विषय है। भारत जोड़ो अभियान के विदर्भ दौरे के तहत हम “संविधान और हमारे वोट की रक्षा” विषय पर एक सम्मेलन कर रहे थे, तभी 40-50 लोगों की भीड़ मंच पर चढ़ गई और मुझे बोलने से रोकने के लिए मेरी ओर आई। हम बैठे रहे और स्थानीय साथियों ने घेरा बनाकर हमारी रक्षा की। पुलिस के आने के बाद भी दंगाई हमला और तोड़फोड़ करते रहे। सभा वहीं समाप्त हो गई। पिछले 25 वर्षों में मैंने महाराष्ट्र में कई स्थानों पर व्याख्यान दिए हैं, लेकिन ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। यह न केवल महाराष्ट्र के लिए बल्कि संविधान और लोकतंत्र में विश्वास रखने वालों के लिए भी दुखद है। यह घटना हमारे लोकतंत्र की रक्षा के प्रति हमारे समर्पण को और मजबूत करती है। जो कोई भी मेरे बोलने से डरता है, सुन ले… मैं अकोला वापस आऊंगा!”

 

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