Sunday, December 22, 2024
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मेजर हर्षित चौधरी नही,ये है मोहम्मद शाहबाज खान … चोर

गुजरात की अहमदाबाद रेलवे पुलिस ने वंदे भारत ट्रेन में चोरी करने वाले शहबाज अली नाम के एक चोर को गिरफ्तार किया है। उसने हर्षित चौधरी नाम से अपना पहचान पत्र बनवा रखा था और खुद को आर्मी में मेजर बताता था। उसके पास से सेना का एक आई कार्ड एवं अन्य कागजात भी बरामद हुए हैं। फर्जी कागजातों से शहबाज़ ट्रेन और हवाई यात्राएँ करता था। उसके अब्बू सेना के रिटायर्ड हैं, जबकि उसका भाई एयरफोर्स में है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुजरात में कुछ दिन पहले वन्दे भारत ट्रेन से एक सूटकेस चोरी हुआ था। इस घटना की शिकायत अहमदाबाद रेलवे पुलिस में दर्ज करवाई गई थी। पुलिस ने जाँच के दौरान CCTV फुटेज खँगाले। इस दौरान एक युवक चोरी हुए सूटकेस के साथ नजर आया। इस युवक की पड़ताल रेलवे रिजर्वेशन से करवाई गई। सीट बुकिंग में इस्तेमाल दस्तावेजों के आधार पर युवक की पहचान राजस्थान के हर्षित चौधरी के तौर पर हुई।

आखिरकार 5 सितंबर 2024 को आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया। पकड़े गए आरोपित को अहमदाबाद लाकर पूछताछ की गई। पूछताछ में पता चला कि गिरफ्तार आरोपित हर्षित चौधरी नहीं, बल्कि शहबाज़ मुश्ताक अली खान है। उसने हर्षित चौधरी के नाम का फर्जी आधार कार्ड बनवा रखा था। शहबाज़ न सिर्फ खुद को हिन्दू, बल्कि भारतीय सेना में मेजर बताया करता था।

तलाशी के दौरान उसके पास से एक आई कार्ड भी बरामद हुआ। इस आई कार्ड में भी शहबाज़ ने अपनी फोटो लगाकर खुद को हर्षित चौधरी बता रखा था। फर्जी कागजात बरामद होने के बाद पुलिस ने शहबाज़ से आगे की पूछताछ शुरू की। उसने बताया कि वह मूलतः उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले का रहने वाला है। अलीगढ़ में वह मौलाना आज़ाद नगर में रहता है।

पूछताछ में उसने बताया कि इन फर्जी पहचान पत्रों पर उसने 3 बार घरेलू उड़ान से और इतनी ही बार ट्रेन से यात्रा कर चुका है। फर्जी कागजात बनाने के पीछे शहबाज़ ने लोगों पर रुतबा झाड़ने की मंशा बताया है। फिलहाल जाँच एजेंसियाँ इसकी पड़ताल कर रही हैं। शादीशुदा शाहबाज़ अली 2 बच्चों का अब्बा है। पुलिस को पता चला कि शहबाज़ के अब्बा मुश्ताक अली खान सेना से रिटायर्ड हैं।

वहीं, शाहबाज़ का एक भाई भारतीय वायुसेना में है। उसका एक अन्य भाई अभी पढ़ाई कर रहा है। आरोपित शहबाज को न्यायिक हिरासत में रखा गया है। पुलिस की जाँच इस बिंदु पर भी हो रही है कि सेना के अधिकारी का आई कार्ड शहबाज़ ने सिर्फ धौंस जमाने के लिए बनवाया था या इसके पीछे उसकी कोई और मंशा थी।

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