Sunday, December 22, 2024
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अमित शाह ने जो कहा थाI कर दिखाया, CAA लागू,अधिसूचना जारी

गृह मंत्रालय ने CAA की अधिसूचना जारी कर दी है।

CAA Rules in India: देश में लागू हुआ सीएए, अधिसूचना जारी, जानें किन्हें मिलेगी भारत की नागरिकता

CAA Rules in India: देश में लागू हुआ सीएए, अधिसूचना जारी, जानें किन्हें मिलेगी भारत की नागरिकता

Citizenship Amendment Act: केंद्र सरकार की ओर से आज सोमवार (11 मार्च) से देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 (CAA) को लागू करने संबंधी अध‍िसूचना को जारी कर द‍िया गया है.

Citizenship Amendment Act: लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा से पहले केंद्र सरकार की ओर से आज सोमवार (11 मार्च) से देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 (CAA) को लागू करने संबंधी अध‍िसूचना को जारी कर द‍िया गया है.

नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में बसे बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों सहित प्रताड़ना झेल चुके गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देना है. यह दिसंबर 2019 में संसद से पारित हो गया था. इसे राष्ट्रपति से भी मंजूरी मिल गई थी. विधेयक भारत में किसी भी अल्पसंख्यक के खिलाफ नहीं है और प्रत्येक भारतीय नागरिक के अधिकारों को समान रूप से संरक्षित किया जाएगा.

सूत्रों ने बताया है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए बिना दस्तावेज वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को तेजी से नागरिकता देने को लेकर लाए गए इस नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 (सीएए) के कार्यान्वयन के नियम, लोकसभा चुनावों के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले ही जारी हो गया है.

नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश करने वाले हिंदुओं, जैन, ईसाइयों, सिखों, बौद्धों और पारसियों को यहां पांच साल रहने के बाद भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है.

चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा होते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती है. चुनाव के कार्यक्रम अगले 15 दिनों में घोषित किए जा सकते हैं. सूत्रों ने कहा था कि आदर्श आचार संहिता प्रभाव में आने से पहले सीएए के नियम जारी किए जाएंगे.

जब सीएए के नियम जारी हो गए हैं, तो मोदी सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 तक आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों – हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देना शुरू कर देगी.

सीएए दिसंबर 2019 में पारित हुआ था और इसे पहले ही राष्ट्रपति की मंजूरी मिल चुकी है. कानून को लागू करने और क्रियान्वयन के लिए नियम जरूरी हैं.

संसद द्वारा सीएए पारित होने के बाद देश के कुछ हिस्सों में बड़े स्तर पर प्रदर्शन हुए थे. प्रदर्शनों के दौरान और पुलिस कार्रवाई में सौ से अधिक लोगों की जान चली गई थी.

गृह मंत्रालय ने आवेदकों की सुविधा के लिए एक पोर्टल तैयार किया है और पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. एक अधिकारी ने बताया कि आवेदकों को घोषित करना होगा कि वे किस वर्ष बिना यात्रा दस्तावेजों के भारत में आए थे. आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा.
कानून के अनुसार सीएए के तहत तीनों पड़ोसी देशों के बिना दस्तावेज वाले अल्पसंख्यकों को लाभ मिलेगा. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 27 दिसंबर को कहा था कि कोई भी सीएए के क्रियान्वयन को नहीं रोक सकता, क्योंकि यह देश का कानून है.

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