तमिलनाडु में हिंदू कारीगरों की मूर्ति बनाने वाली इकाई सील, 4 दिन बाद है गणेश चतुर्थी: CM के मंत्री बेटे स्टालिन ने सनातन को खत्म करने की अपील की थी
हिंदुओं के प्रमुख त्योहार गणेश चतुर्थी में अब केवल 4 दिन शेष हैं। इस बीच तमिलनाडु की हिंदू से द्वेष रखने वाली DMK सरकार भगवान गणेश की मूर्ति बनाने वालों कहर ढाना शुरू कर दिया है। इन कारीगरों द्वारा जिन जगहों पर मूर्तियाँ बनाई जा रही थीं, उसे सील कर दिया गया है। इनमें से अधिकांश कारीगर राजस्थान से हैं और उन्होंने स्थानीय संस्कृति को अपना लिया है।
तमिलनाडु के करूर के सुंगागेट क्षेत्र में हिंदू समुदाय के मूर्ति कारीगरों के परिसरों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) द्वारा सील कर दिया गया। इसके जरिए हिंदुओं की भावनाओं पर चोट की जा रही है। PCB की इस कार्रवाई से मूर्ति निर्माताओं के सामने भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है। उनके पास आय का कोई दूसरा जरिया नहीं है।
इस कार्रवाई के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इसको लेकर नेटिज़न्स में गुस्सा फैल गया है। हिंदू मूर्ति निर्माताओं पर यह कार्रवाई तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के ‘सनातन को जड़ से खत्म’ करने की अपील के कुछ ही दिनों बाद हुई है।
वीडियो में दिख रहा है कि राज्य के अधिकारी मूर्ति बनाने वाली इकाई को सील कर रहे हैं। वहीं, महिला कारीगर अधिकारियों के सामने गुहार लगा हैं कि यही उनके परिवार पालने का स्रोत है। इसे नुकसान ना पहुँचाया जाए। हालाँकि, अधिकारियों का दिल फिर भी नहीं पसीजता है।
तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने तमिलनाडु सरकार की इस कार्रवाई की निंदा की है। उन्होंने ऐसा ही एक वीडियो X (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर किया है। इस वीडियो में एक कारीगर स्थानीय मीडिया से अपनी आपबीती सुनाता है। वह कहता है, “हम 10 साल से गणेश की मूर्तियाँ बना रहे हैं। मूर्तियाँ बनाने के लिए हम चॉकपीस पाउडर का उपयोग करते हैं। यह पानी में घुल जाता है।”
कारीगर आगे कहता है, “अधिकारियों ने आकर नमूने देखे थे। उन्होंने कहा कि मूर्तियाँ अच्छी गुणवत्ता की नहीं हैं। दो दिन पहले उन्होंने देखा था। पाउडर में जो पेंट है, वह वॉटर पेंट है। कोई रासायनिक मिश्रण नहीं है। कोई बाहरी मिश्रण नहीं है। कोई ऑयल पेंट रंग भी नहीं है। यह सामान्य वाटर पेंट है। इसके बावजूद उन्होंने हमारा शेड सील कर दिया है।”
कारीगर आगे कहता है, “लगभग 160 से 170 मूर्तियाँ यहाँ हैं। मैंने ब्याज पर लोन लेकर इसमें 10 लाख रुपए का निवेश किया था। इसके लिए मैंने अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से उधार लिया है। अब खाने के लिए भी पैसे चाहिए।” इस दौरान उसी परिवार की एक महिला असहाय होकर रोने लगी।
महिला ने कहा, “इतने सालों से उन्होंने कुछ भी नहीं कहा। इस बार ही वे ऐसा कह रहे हैं। अगर उन्होंने हमें 20 दिन पहले बताया होता तो हम मूर्तियाँ कहीं और ले जाते। अब हम उन्हें वहाँ नहीं ले जा सकते। इसके लिए हमने सूद पर रुपए लिए थे।” मूर्ति बनाने वाले कारीगरों का कहना है कि वे पिछले एक दशक से आलू के आटे और अन्य प्राकृतिक सामग्रियों का उपयोग करके मूर्तियाँ बना रहे हैं। ये मूर्तियाँ पानी में आसानी से घुल जाती हैं।
तमिलनाडु पीसीबी ने राजस्व विभाग और पुलिस के अधिकारियों के साथ मूर्ति बनाने वाले कारीगरों के यहाँ औचक निरीक्षण किया और लगभग 400 गणेश मूर्तियों को सील कर दिया है। अधिकारियों ने इस कार्रवाई के लिए एक शिकायत को आधार बताया, जिसमें कथित तौर पर नियमों का उल्लंघन करते हुए प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया है।
भाजपा अन्नामलाई ने डीएमके पर सनातन धर्म के अनुयायियों की भावनाओं को ठेस पहुँचाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, “हमारे उत्सवों पर निर्भर लोगों के व्यवसाय को खत्म करके DMK न केवल सनातन धर्म के अनुयायियों की भावनाओं को ठेस पहुँचा रही है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुँचा रही है।”
भाजपा और हिंदू समुदाय ने डीएमके पर हिंदुओं और हिंदू त्योहारों को कमजोर करने का आरोप लगाया है। हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा है कि उन्होंने 120 गणेश मूर्तियों के लिए ऑर्डर दिया था और इकाई को अचानक सील करना हिंदू भावनाओं को आहत करने की साजिश है। डीएमके ने सनातन धर्म के खिलाफ अपने अभियान में सभी हदें पार कर दी हैं।
दरअसल, कुछ दिन पहले ही मूर्ति बनाने में पीओपी का इस्तेमाल करने का आरोप लगाकर तेनकासी में मूर्ति फैक्ट्री के मालिक और मुरुगन नाम के बीजेपी कार्यकर्ता के परिसर पर छापा मारा गया था। कारीगर ने मजबूर होकर अपनी एक मूर्ति को तोड़ा और अधिकारियों को दिखाया कि यह बायोडिग्रेडेबल है, पीओपी नहीं। इसके बावजूद मुरुगन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
दरअसल, 2 सितंबर 2023 को सनातन उन्मूलन सम्मेलन में उदयनिधि स्टालिन ने कहा था, “सनातन धर्म को खत्म करने के लिए इस सम्मेलन में मुझे बोलने का मौका देने के लिए मैं आयोजकों को धन्यवाद देता हूँ। मैं सम्मेलन को ‘सनातन धर्म का विरोध’ करने के बजाय ‘सनातन धर्म को मिटाओ‘ कहने के लिए आयोजकों को बधाई देता हूँ।”
उदयनिधि स्टालिन ने कहा था, “कुछ चीजें हैं जिनका हमें उन्मूलन करना है और हम केवल विरोध नहीं कर सकते। मच्छर, डेंगू बुखार, मलेरिया, कोरोना, ये सभी चीजें हैं जिनका हम विरोध नहीं कर सकते, हमें इन्हें मिटाना है। सनातन भी ऐसा ही है। विरोध करने की जगह सनातन को ख़त्म करना हमारा पहला काम होना चाहिए।”
इसको लेकर देश भर में बवाल हो गया। कई लोगों ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से इस मामले में हस्तक्षेप कर कार्रवाई करने की माँग की। उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ दिल्ली और यूपी में एफआईआर भी दर्ज भी की गई, लेकिन उन्होंने माफी माँगने से इनकार कर दिया और यहाँ तक कह दिया कि वे अपनी बात पर कायम हैं और इसके लिए वे माफी नहीं माँगेंंगे।