उज्जैन। महाकाल मंदिर में क्या हो रहा है.. क्या नहीं हो रहा है इसकी किसी को भी परवाह नहीं है। मंदिर को प्रशासन ने आय का स्त्रोत तो बना ही रखा है साथ में सुरक्षाकर्मियों के नाम पर यहां गुंडों की भी भर्ती कर दी है। मंदिर में श्रद्धालुओं को सुरक्षाकर्मियों की बदतमीजी का शिकार होकर मंदिर से अपमानित होकर जाना पड़ रहा है। इन अदने से सुरक्षाकर्मियों की गुंडागर्दी के शिकार पहले भी कई श्रद्धालु हो चुके हैं।
पुलिस थाने में भी कई शिकायतें इन महाकाल मंदिर में लगे प्राइवेट सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ श्रद्धालुओं ने की है। लेकिन पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया। पहले भी कई बार श्रद्धालु इन सुरक्षाकर्मियों की बदतमीजी का शिकार चुके हैं। अगर देखा जाए तो महाकाल मंदिर के अंदर का पूरा सिस्टम ही मिला हुआ है चाहे सुरक्षाकर्मी हो या फिर पुलिसकर्मी या फिर यहां मंदिर समिति से जुड़े कर्मचारी हो। इन सब की मिलीभगत की वजह से यहां ड्यूटी देने वाला हर कोई बचकर निकल जाता है। मंदिर में ड्यूटी देने वाले कोई भी कर्मचारी को रत्ती भर भी किसी का डर नहीं रहता है।
मंदिर में श्रद्धालुओं को इतना जलील होना पड़ता है। बुजुर्ग महिला पुरुषों को तू तूकारे से जवाब देकर दूतकारा जा रहा है। ना बुजुर्गों की इज्जत ना महिलाओं का मान सम्मान इस तरह श्रद्धालुओं को मंदिर से लज्जित होकर जाना पड़ता है। दर्शनार्थी हमेशा उज्जैन को और मंदिर में ड्यूटी देने वाले कर्मचारियों को कोसते दिखते हैं। कुछ समय पहले भी राजस्थान से आई एक महिला के साथ मंदिर में ही इन सुरक्षाकर्मियों ने निर्लज्जता दिखाई थी। महिला को गंदी गंदी गालियां देकर उसके साथ झूमाझटकी की गई और उसे मंदिर से धक्के देकर बाहर कर दिया था।
जिसकी शिकायत पीड़ित ने महाकाल थाने में की थी। लेकिन पुलिस ने सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इस तरह की ढेरों शिकायत महाकाल थाने में पुलिस के पास पहुंची है। लेकिन पुलिस ने इन शिकायतों पर कोई अमल नहीं किया।एसपी सचिन शर्मा को इस तरह के मामले में संज्ञान लेना चाहिए।
सुरक्षाकर्मियों द्वारा महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं के साथ हो रहे बुरे बर्ताव का फिर एक ताजा मामला सामने आया है। रविवार को इंदौर निवासी सन्नी रघुवंशी नामक श्रद्धालु अपनी पत्नी और 3 वर्षीय बच्चे के साथ महाकाल दर्शन करने पहुंचा था जिससे सुरक्षाकर्मियों ने बदतमीजी की ओर उसे निर्लज्जता की तरह सुरक्षाकर्मी खींचकर मंदिर से बाहर महाकाल थाने लेकर पहुंचे। श्रद्धालु कि सिर्फ इतनी सी गलती थी कि उसकी आज शादी की सालगिरह थी और वह मोबाइल से अपनी फैमिली के साथ फोटो खींच रहा था यह देख सुरक्षाकर्मी श्रद्धालु से गुंडागर्दी करने लगे और विवाद बढ़ने पर दोनों में हाथापाई की नौबत आ गई।
घटनाक्रम को लेकर मंदिर प्रशासक संदीप सोनी और सहायक प्रशासक से जब बात की गई तो पूरी तरह से सिक्योरिटी गार्ड का पक्ष रखते हुए अपनी बात रखी और कहा कि श्रद्धालु ने सुरक्षाकर्मी के साथ हाथापाई की। लेकिन जब उनसे घटनाक्रम के मंदिर में लगे वीडियो फुटेज मांगे तो वे उपलब्ध नहीं करा पाए।
श्रद्धालु को सुरक्षाकर्मी जलील करते हुए कालर पकड़कर उसे मंदिर से बाहर ला रहे हैं उसके वीडियो वायरल हुए जिसे देखकर मंदिर के अंदर की व्यवस्था जरूर शर्मसार हो रही है। अगर यही आलम रहा तो उज्जैन की तो छवि बिगड़ेगी ही साथ ही मंदिर मैं किस तरह की व्यवस्था है उस पर भी दाग लगेगा।