300 सैनिकों के साथ तवांग में भिड़ने आई थी चीनी सेना, भारतीय जांबाजों ने दिया मुंहतोड़ जवाब
अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीनी सैनिकों की भिड़ंत को लेकर और ज्यादा डिटेल सामने आई हैं। इसके मुताबिक चीन पूरी तैयारी के साथ एलएसी पर पहुंचा था। 300 से ज्यादा चीनी सैनिक एलएसी पर पहुंचे थे और उनकी मंशा तवांग में भारतीय पोस्ट को हटाने की थी। लेकिन भारत को ड्रैगन के खतरनाक मंसूबे का अंदेशा पहले ही हो गया था। यही वजह है कि भारतीय सेना ने पूरी तैयारी के साथ चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया। यह भारत की तैयारी ही थी, जिसके चलते हमारे सैनिकों को बहुत कम नुकसान हुआ है, जबकि चीनी सेना के जवान अधिक संख्या में घायल हुए हैं।
17 हजार फीट की ऊंचाई पर है पोस्ट
भारतीय सेना के सूत्रों के मुताबिक घटना 9 दिसंबर की है। तवांग में एलएसी पर 17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित संवेदनशील पोस्ट पर भारतीय सेना की तैनाती है। 300 से अधिक चीनी सैनिक इस पोस्ट से भारतीय कब्जा हटाने का मंसूबा लिए यहां पहुंचे थे। जानकारी के मुताबिक यह पोस्ट बर्फ से ढंकी हुई है और काफी दुर्गम है। इन तमाम कठिनाइयों के बावजूद भारतीय सैनिक पूरे जज्बे और दृढ़ता के साथ इस पोस्ट की हिफाजत में जुटे हुए थे। उधर चीन के सैनिकों को इस बात का अंदाजा नहीं था कि इतने प्रतिकूल मौसम में भी भारतीय सेना इस पोस्ट की हिफाजत इस शिद्दत से कर रही होगी। यही वजह रही कि न सिर्फ ड्रैगन को यहां मुंह की खानी पड़ी, बल्कि बड़ी संख्या में उसके जवान भी घायल हुए हैं। भारतीय सेना के मुताबिक कई चीनी सैनिकों की हड्डियां भी टूटी हैं।
भारतीय सेना को पहले से था अंदाजा
सूत्रों के मुताबिक चीन कुछ हरकतों से यहां पर भारतीय सेना को अंदाजा हो गया था कि वह कुछ गड़बड़ कर सकता है। यही वजह है कि भारतीय सेना अतिरिक्त सावधानी बरत रही थी। साथ ही उसने किसी भी तरह के हमले का मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी भी कर रखी थी। यही वजह है कि उसने न सिर्फ चीन के इरादों को नाकाम किया, बल्कि बड़ी तादाद में उसके सैनिकों को जख्मी भी कर दिया। हालांकि इस दौरान करीब छह भारतीय सैनिक भी घायल हुए हैं। इन जवानों का प्राथमिक उपचार तवांग स्थित भारतीय सेना के बेस कैंप पर किया गया। सूत्रों के मुताबिक अधिक घायल सैनिकों को गुवाहाटी भेजकर इलाज कराया गया है।