Monday, December 23, 2024
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ये नही पकड़ाती तो नही बनती महाराष्ट्र सरकार, शरद पवार की खास जासूस

 

2019 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद एनसीपी के बागी विधायकों की मदद से देवेंद्र फडणवीस के सीएम पद की शपथ लेने के बाद भाजपा सरकार को गिराने वाली सोनिया दूहन यदि इस बार भी सफल हो जाती तो शायद एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री पद की शपथ न ले पाते।

हिसार के गांव पेटवाड़ की बेटी सोनिया दूहन पिछले काफी समय से महाराष्ट्र में रहकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के लिए काम कर रही हैं। वह पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता और पार्टी के छात्र इकाई राष्ट्रीय विद्यार्थी कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। पिछले दिनों शिवसेना के बागी विधायक महाराष्ट्र छोड़कर पहले सूरत, फिर गुवाहाटी और अंत में गोवा पहुंचे तो उन्हें वापस लाने की जिम्मेदारी सोनिया को दी गई। लेकिन ऐन मौके पर गोवा पुलिस ने
सोनिया दूहन को उसी होटल से गिरफ्तार कर उनकी मंशा पर पानी फेर दिया।

होटल में एंट्री कर साधा था विधायकों पर निशाना
शिवसेना के बागी विधायक सूरत से गुवाहाटी चले गए थे। गुवाहाटी में जिस होटल में रखा गया वहां किसी की भी एंट्री नहीं होने दी जा रही थी। लेकिन सोनिया दूहन ने उस होटल में एंट्री करके शिवसेना के विधायकों से संपर्क साधा। मगर बात नहीं बन पाई। इसके बाद सभी विधायक 30 जून को गोवा के एक होटल में शिफ्ट कर दिए गए। सोनिया ने भी एक जुलाई को किसी और लड़की के नाम से गोवा के उसी होटल में कमरा बुक करवाया।

जालसाजी के आरोप में पुलिस ने किया गिरफ्तार
सूत्रों के मुताबिक वहां कुछ विधायकों से उनकी मुंबई वापस लौटने को लेकर बातचीत हो गई थी, लेकिन इसकी खबर खुफिया तंत्र को लग गई और दो जुलाई की सुबह 5:30 बजे गोवा पुलिस सोनिया को जालसाजी करने के आरोप में होटल से गिरफ्तार कर ले गई। होटल की ओर से भी शिकायत दी गई कि सोनिया किसी और के नाम से कमरा बुक करवाकर फर्जी तरीके से होटल में रह रही थी।

तीन जुलाई को सोनिया को जमानत तो मिल गई, लेकिन कोर्ट ने आदेश दिया कि आठ जुलाई तक उन्हें गोवा के पणजी थाने में हर रोज हाजिरी लगाने जाना पड़ेगा। इस पूरे प्रकरण में सोनिया कुछ बड़ा तो नहीं कर पाईं, लेकिन पार्टी के नेताओं में अपनी गहरी पैठ जमाने में और भी ज्यादा कामयाब हो गई कि पार्टी ने जो जिम्मेदारी दी थी उससे पीछे नहीं हटीं।
2019 में एनसीपी के बागी विधायकों को गुरुग्राम के होटल से निकाल ले गई थीं सोनिया

2019 में शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने कुछ विधायकों के साथ एनसीपी से बगा वत की थी। इसके बाद भाजपा ने इन बागी विधायकों के सहयोग से देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार बनाई थी। इन बागी विधायकों को गुरुग्राम के एक होटल में ठहराया गया था। तब एनसीपी के चार विधायकों को वापस ले जाने की जिम्मेदारी भी सोनिया ने निभाई थी। उसके बाद पार्टी सुप्रीमो शरद पवार का विश्वास सोनिया पर और भी बढ़ गया था। और उनको इनाम के तौर पर पार्टी की छात्र इकाई का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया।

हरियाणा की राजनीति में ले रहीं दिलचस्पी
पिछले कई महीनों से सोनिया हरियाणा प्रदेश की राजनीति में गहरी दिलचस्पी ले रही हैं। वह पार्टी को मजबूत करने के लिए अनेक सामाजिक समारोह में पहुंचकर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रही हैैं। देश की सबसे बड़ी खाप सतरोल खाप के चबूतरे की नींव रखने भी पहुंचीं और खाप सदस्यों का आशीर्वाद लिया। प्रदेश में लड़कियों के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए वह लगातार उन्हें प्रोत्साहित कर रही हैैं। स्कूलों में छात्रों को ड्रेस व पुस्तकें भी भेंट कर रही हैं।

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