खेल की तैयारी रची सुनील पाटिल ने ,एक मंत्री की विशेष मदद से,मंत्री चिड़ा हुआ था समीर वानखेड़े से,कारण वानखेड़े ने एक मामले में उसे धोबी का कुत्ता बनाया था,
एक तीर से तीन शिकार करने था
पहला समीर वानखेड़े को फंसा कर निलंबित
दूसरा भाजपा नेताओं पर आरोप,
तीसरा पाटिल को पकड़ाने पर केंद्रीय भाजपा को लपेटना था,
पर गोसावी ने शाहरुख और उसकी मैनेजर को दिखाने जो सेल्फी खींची 18 करोड़ वसूलने उसने कचरा कर दिया,
जिस सैम डिसूज़ा की बात कई दिन से हो रही थीं जिसे बाद में किरण गोसावी ने ये बता दिया था की इस नाम का कोई शक्श नहीं हैं. दरअसल वही सैम डिसूज़ा अब सामने आया जिसने किरण गोसावी से लेकर शाहरुख़ खान की मैनेजर पूजा डडलानी सभी की पोल पट्टी खोल दी हैं.
सैम डिसूज़ा के मुताबिक समीर वानखेड़े एक दम साफ़ इंसान हैं उनका किसी भी पैसे से या डील से कोई लेना देना नहीं हैं. शाहरुख़ की मैनेजर पूजा ने सुबह चार बजे अपने पति के साथ परेल में पचास लाख लिए थे जो बाद में लौटा दिए गए.
किरण गोसावी यानी जो टकलू भाई सब हैं जिन्हे हम देव माणूस समझ रहे थे ये बड़ा शातिर निकल गया. यानी इसने आर्यन के साथ सेल्फी भी जाना भूझकर ली थीं ताकि आगे का खेल खेला जा सकें.
किरण गोसावी ने प्रभाकर सेल का नाम अपने मोबाइल में समीर वानखेड़े के नाम से सेव कर रखा था और कहता था उसकी बात समीर से हो रही हैं लेकिन जब सैम डिसूज़ा ने उस नंबर को ट्रूकॉलर पर चेक किया तो सच्चाई सामने आ गयी.
यानी ये पूरा खेल रचा गया था जान भूझकर की समीर वानखेड़े आर्यन को छोड़ने के लिए पचीस लाख की डील कर रहे हैं.
लेकिन वो कहते हैं ना सच को कितना भी छुपा लो उछाल कूदकर सामने चला ही आता हैं. वही हुआ. समीर वानखेड़े तो बच जायेंगे लेकिन जिन लोगो ने ये पूरा खेल रचा था दिवाली के बाद इनका दिवाला निकला जाएगा
विजय पगारे नामक गवाह ने सुनील पाटिल की भूमिका पर खुल कर मिड-डे को बयान दिया। उन्होंने बताया कि सुनील पाटिल, मनीष भानुशाली, किरण गोसावी और सैम डिसूजा इस डील में शामिल थे लेकिन गोसावी की एक सेल्फी ने सारा खेल बिगाड़ दिया। गोसावी को सिर्फ 50 लाख रुपए मिले।
पगारे ने मिड डे से बातचीत में बताया कि भानुशाली और पाटिल उनके आगे बात कर रहे थे कि गोसावी पैसों के साथ भाग गया है। इसके अलावा सुनील पाटिल ने भी कहा था कि सब कुछ गोसावी की एक सेल्फी के कारण बिगड़ गया।
गवाह का दावा है कि पाटिल सहर एयरपोर्ट के नजदीक ललित होटल के पास रुका हुआ था, जहाँ भानुशाली और डिसूजा उससे मिलने आते थे। इस जगह के अलावा पगारे फॉर्च्यून होटल में भी टिका था। पगारे कहता है,
“27 सितंबर को दो कमरे फॉर्च्यून होटल में बुक किए गए थे। वहीं भानुशाली और एक लड़की 7:30 बजे आए। मैं, गोसावी, पाटिल अलग कमरे में थे। भानुशाली कमरे में दो घंटे रहा। जब जाने लगे तो वो हमारे कमरे में आया और पाटिल को कहा जल्द ही एक बड़ा खेल अपने पाले में होने वाला है। “
पगारे का कहना है कि वो पाटिल के साथ पिछले 5-6 महीनों से रह रहा था। उसके मुताबिक, पाटिल ने उससे 35 लाख रुपए लिए थे। इनमें 20 लाख रुपए पगारे के थे और बाकी उसके दोस्त जीतेंद्र बांग्ड़े के थे। वह पाटिल से अपना पैसे वापस लेने के लिए उनके साथ रहता था।
बता दें कि केस में गवाह बने पगारे ने इस डील में एनसीबी अधिकारियों के साथ हुई डील को लेकर कहा है कि वो यह दावा नहीं कर सकते कि उनमें से कौन शामिल था लेकिन भानुशाली ने एक बार किसी से पूछा था कि क्या उसने समीर वानखेड़े से बात की या नहीं।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले महाराष्ट्र के बीजेपी नेता मोहित कंबोज ने ड्रग केस को लेकर सुनील पाटिल के नाम का खुलासा किया था। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने सुनील पाटिल की एक कथित ऑडियो क्लिप भी सुनाई। उन्होंने दावा किया कि इसमें सुनील पाटिल का नाम है, जो मौजूदा और पूर्व गृह मंत्री का नाम ले रहा है। उन्होंने आगे कहा, ”इस मामले में भाजपा और किसी भाजपा नेता का कोई संबंध नहीं है। यह पूरी साजिश भाजपा को बदनाम करने के लिए रची गई। एनसीपी को सुनील पाटिल से अपने संबंधों के बारे में बताना चाहिए। सुनील पाटिल एक बड़े होटल में रुका था, वहाँ कौन से एनसीपी नेता थे, जो उससे मिलने गए थे। नवाब मलिक को जवाब देना चाहिए।”