राष्ट्रवाद के नाम पर भारतीय जनता पार्टी की लोकप्रियता से घबराई भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ( CPI(M) ) ने इस वर्ष पहली बार स्वतंत्रता दिवस को भव्य तरीके से मनाने का फैसला किया है। 15 अगस्त को पार्टी के हर कार्यालय में तिरंगा फहराया जाएगा। माकपा के एक वरिष्ठ नेता ने रविवार को यह जानकारी दी। इससे पहले कभी भी सीपीआई-एम न तो आजादी का उत्सव मनाती थी न ही इनके कार्यालय पर झंडा फहराया जाता था।
यह बदलाव लगभग सात दशक से अधिक समय बाद आया है जब अविभाजित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने नारा दिया था कि ‘ये आजादी झूठी है।’ भाकपा में वर्ष 1964 में विभाजन के बाद माकपा अस्तित्व में आयी थी। माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने कहा, ‘यह निर्णय लिया गया है कि 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पार्टी के सभी कार्यालयों में तिरंगा फहराया जाएगा।‘
सूत्रों के अनुसार ऐसा माना जा रहा है कि पिछले 7 वर्षों से देश में सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रवादी अपील को जनता हाथों- हाथ ले रही है और लगातार शासन का बागडोर सौंप रही है। दूसरी तरफ पूरे देश की तो बात रहने दे दिन राज्यों में कभी सीपीआई-एम की सत्ता और लोकप्रियता थी वह भी अब खत्म होती जा रही है। माना जा रहा है कि अपनी लोकप्रियचा को फिर से हासिल करने के लिए भाजपा की तर्ज पर सीपीआई-एम ने भी खुद को देश भक्ति की राह पर चलने का फैसला किया है । 15 अगस्त को पार्टी के सभी कार्यालयों पर तिरंगा फहराने का फैसला उसी दिशा में उठाया गया पहला कदम है।
पार्टी की पश्चिम बंगाल प्रदेश समिति के वरिष्ठ पदाधिकारी चक्रवर्ती ने हालांकि, इस दावे को खारिज किया कि माकपा पहली बार स्वतंत्रता दिवस मना रही है और कहा कि पूर्व में अलग- अलग तरह से स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता रहा है। उन्होंने कहा, ‘हम आम तौर पर फासीवादी ताकतों, सांप्रदायिक ताकतों से देश के सामने आने वाले खतरों पर चर्चा करके स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं। इस बार स्वतंत्रता दिवस भव्य तरीके से मनाया जाएगा क्योंकि 75वां या 100वां साल हर बार नहीं आते।‘