मस्जिद का इमाम था जो समाज को ईमान की, अमन की, मोहब्बत की तालीम देता था तथा लोग उसका सम्मान करते थे. लेकिन मस्जिद के उस इमाम की वास्तविक हकीकत क्या थी, इसे सिर्फ वही जानता था. ईमान की तालीम की आड़ में उसके निशाने पर मासूम बच्चियां रहती थी, जिनके साथ वह अपनी हवस मिटाता था. मामला इस्लामिक मुल्क बांग्लादेश का है जहाँ मस्जिद के इमाम को नाबालिग बच्ची से बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
मीडिया सूत्रों से प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक, नाबालिग के साथ कई बार दुष्कर्म का आरोपित 50 वर्षीय अबुल बशर चंदीना के तीरचर स्थित नोयाबारी मस्जिद का इमाम है. उसे रैपिड एक्शन बटालियन ने सदर दक्षिण उपजिला से पकड़ा है. इमाम बशर ने 22 से 23 जुलाई के दौरान लड़की को अपने घर में कैद कर रखा था. इसी दौरान उसने पीड़िता का बार-बार दुष्कर्म किया. बार-बार दुष्कर्म होने से उसकी तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद आरोपित लड़की को उसके घर छोड़कर भाग निकला.
घर पहुँचने के बाद पीड़िता ने अपने अब्बू को पूरी आपबीती सुनाई, जिसके बाद उन्होंने चंदीना थाने में इमाम बशर के खिलाफ बलात्कार का केस दर्ज कराया. बशर प्राइवेट ट्यूटर के तौर पर लड़की को अरबी पढ़ाता था. शिकायत के आधार पर RAB ने मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने सोमवार देर रात बशर को अरेस्ट कर लिया. आरोपित ने शुरुआती पूछताछ में अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है.