दो मिलियन व्यस्कों पर किए गए एक नई रिसर्च में पाया गया कि दूध का पीना कार्डियो-वैस्कुलर रोग का जोखिम फैक्टर नहीं है लेकिन बॉडी मास इंडेक्स बढ़ा सकता है. कोलेस्ट्रोल आपके शरीर के लिए महत्वपूर्ण कामों को अंजाम देता है.
कोलेस्ट्रोल मुख्य रूप से दो तरह का होता है-हाई डेंसिटी लिपॉप्रोटीन और लो डेंसिटी लिपॉप्रोटीन. हाई डेंसिटी वाला कोलेस्ट्रोल HDL यानी गुड कोलेस्ट्रोल कहलाता है क्योंकि ये इकट्ठा हो रहे कोलेस्ट्रोल को शरीर से बाहर ले जाने में मदद करता है. जबकि लो डेंसिटी वाले कोलेस्ट्रोल को LDL यानी ‘खराब’ कोलेस्ट्रोल कहा जाता है. LDL नामक बैड कोलेस्ट्रोल ये कोलेस्ट्रोल को दिल की धमनियों में इकट्ठा करता है. दिल की धमनियों में इकट्ठा होने से ब्लड सर्कुलेशन के लिए धमनियां संकुचित होने लगती हैं. ऐसे में आपके शरीर के बाहर ब्लड पहुंचाने में दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है.
हार्मोन्स, विटामिन डी और पाचन में सहायक केमिकल के लिए आपके शरीर को कोलेस्ट्रोल पैदा करने की जरूरत होती है. जब ब्लड में खराब कोलेस्ट्रोल की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, तब ये दिल और दिमाग के धमनी की परतों पर प्लेक की वजह बन जाती है.
अगर समय रहते इलाज नहीं कराया जाए, तो प्लेक के जमने से दिल की बीमारी, स्ट्रोक और हार्ट अटैक हो सकता है. किसी शख्स में हाई कोलेस्ट्रोल लेवल के योगदान में कई फैक्टर की भूमिका होती है, और आपका खानपान उनमें से एक सबसे महत्वपूर्ण है. दूध का इस्तेमाल भी उन फैक्टर में से एक माना जाता है, लेकिन एक नई रिसर्च से ठीक इसके विपरीत पता चला है.
दूध और ज्यादा कोलेस्ट्रोल के बीच संबंध नहीं
हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीज अक्सर दूध छोड़ देते हैं, ये सोचते हुए कि समस्या का ये बुनियादी कारण है. लेकिन नई रिसर्च में पाया गया है कि दूध का नियमित सेवन कोलेस्ट्रोल लेवल नहीं बढ़ाता है. हाई कोलेस्ट्रोल को कम करने के लिए अपनी डाइट से अस्वस्थ फैट्स का हटाना आवश्यक है, लेकिन ये जरूरी भी नहीं है कि उसे और अधिक कोलेस्ट्रॉल के अनुकूल बनाने के लिए पूरी तरह दूध से छुटकारा हासिल किया जाए. इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ओबिसिटी में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक कोलेस्ट्रोल का ज्यादा लेवल और दूध के इस्तेमाल के बीच संबंध नहीं पाया गया है.
शोधकर्ताओं ने तीन बड़ी आबादी पर किए गए रिसर्च का मूल्यांकन किया. उन्होंने पाया कि जिन लोगों ने बहुत ज्यादा दूध पीया, उनका खराब और अच्छा कोलेस्ट्रोल दोनों का लेवल कम था. पूर्व के प्रमुख रिसर्च की समीक्षा से खुलासा हुआ था कि जिन लोगों ने रोजाना दूध का इस्तेमाल किया, उनको कोरोनरी धमनी की बीमारी का 14 फीसद कम खतरा था. हालांकि, वर्तमान रिसर्च में मजबूत सबूत नहीं मिला जिससे साबित हो कि अधिक दूध का सेवन और डायबिटीज जैसी बीमारियों की शुरुआत के बीच संबंध है.
एक ग्लास दूध आपको दिल की बीमारियों से रखता है दूर, कोलेस्ट्रॉल लेवल रखता है कम
नई दिल्ली: आप दूध के तमाम फायदे जानते ही होंगे. हमेशा से दूध शरीर के लिए जरूरी माना जाता रहा है. ये न सिर्फ दिल की बीमारियों को दूर करता है, बल्कि शरीर को जरूरी पौष्टिकता भी प्रदान करता है. लेकिन नई रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि एक ग्लास दूध के रोजाना सेवन से दिल की गंभीर बीमारियों से शरीर को मजबूत रक्षण मिलता है.
एक अंतरराष्ट्रीय शोध में खुलासा हुआ है कि दूध के सेवन से न सिर्फ दिल की बीमारी का खतरा कम होता है, बल्कि कोलेस्ट्रॉल लेवल भी कम होता है. इस रिसर्च में दो मिलियन अमेरिकी और ब्रिटिश नागरिकों को शामिल किया गया, जिसके नतीजे को इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित किया गया है.
रिसर्च में पाया गया कि जो लोग रोजाना एक ग्लास दूध का सेवन करते हैं, उनमें हार्ट अटैक का खतरा 14 फीसदी तक कम हो जाता है. हालांकि अबतक डेयरी प्रोडक्ट को स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक माना जाता था.
रिसर्च में इस बात पर भी ध्यान आकर्षित किया गया है कि रोजाना दूध पीने वाले लोगों का बॉडी मास इंडेक्स औसत रूप से ज्यादा पाया गया. रिसर्च में कोलेस्ट्रॉल लेवल के घटने को लेकर ठीक संबंध नहीं मिल पाया. इस रिसर्च में कई विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञ शामिल रहे.
दूध के सेवन से शरीर मजबूत होता है. दूध से शरीर को जरूरी विटामिन भी मिलते हैं और प्रोटीन भी. ये स्टडी इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ओबेसिटी में प्रकाशित हुई है. जिसकी चर्चा दुनिया भर में हो रही है.