Thursday, November 14, 2024
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रजनीकांत का राजनीति से सन्यास ,प्रवेश से पहले ही

कांग्रेस और द्रमुक ने चैन की सांस ली
तमिल सुपरस्टार रजनीकांत ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला राजनीति में न आने का फैसला किया है। अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर लौटे रजनीकांत ने फैंस से माफी मांगते हुए कहा कि वह अब अपनी पार्टी लॉन्च करने का फैसला वापस लेते हैं। रजनीकांत ने कहा कि बीमारी ने बहुत कुछ सिखा दिया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जनता के लिए काम करते रहेंगे। तमिलनाडु में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए रजनीकांत के इस फैसले को काफी अहम माना जा रहा है।

बता दें कि पिछले हफ्ते ही ब्लड प्रेशर में हाई होने के चलते रजनीकांत को हैदराबाद के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सोमवार को वह डिस्चार्ज होकर लौटे। अस्पताल से जारी हेल्थ बुलेटिन में कहा गया है कि अब उनकी हालत पहले से काफी बेहतर है। उन्हें किसी तरह की गंभीर समस्या नहीं है। हालांकि डॉक्टरों ने उन्हें अभी बेड रेस्ट की सलाह दी है। साथ ही तनाव से दूर रहने को कहा है।

दो दशक से फैंस को था इंतजार
सुपरस्टार रजनीकांत ने इसी महीने की शुरुआत में राजनीति में अपनी एंट्री की आधिकारिक घोषणा की थी। उनके फैन्स इस घोषणा का 2 दशक से इंतजार कर रहे थे लेकिन खराब स्वास्थ्य आढ़े आ रहा था। रजनीकांत ने यह भी कहा था कि उनकी पार्टी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भी उतरेगी।

रजनीकांत के साथ गठबंधन को बीजेपी ने खोले थे विकल्प
रजनीकांत की इस घोषणा के बाद से ही तमिलनाडु की राजनीति में हलचल तेज हो गई थी। बीजेपी ने रजनीकांत के साथ समझौते के लिए सभी विकल्प भी खोल दिए थे। यह भी कहा जाने लगा था कि तमिलनाडु को बीजेपी की सीएम चेहरे की तलाश भी पूरी हो जाएगी। इससे तमिलनाडु के दूसरे दल सत्ताधारी AIADMK और डीएमके की टेंशन बढ़ गई थी।

डीएमके ने ली राहत की सांस!
पिछले दिनों बीजेपी और उसकी सहयोगी AIADMK के बीच खिटपिट भी देखने को मिली थी हालांकि अब रजनीकांत के राजनीति में न उतरने के फैसले से संभवत: दोनों दलों ने राहत की सांस ली होगी।

रजनीकांत के उस बयान ने बदल दी थी तमिलनाडु की सत्ता
साउथ के मशहूर फिल्‍म स्‍टार रजनीकांत ने 24 साल पहले एक राजनीतिक बयान दिया था जिसने साल 1996 के विधानसभा चुनावों में AIADMK के सपनों पर पानी फेर दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर जयललिता सत्ता में आती हैं तो भगवान भी तमिलनाडु को नहीं बचा सकते इसके बाद डीएमके को चुनाव में जबरदस्त सफलता मिली थी

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