सिलीगुड़ी :
पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में सोमवार को सरकार विरोधी प्रदर्शन के दौरान भारतीय जनता युवा मोर्चा के एक कार्यकर्ता की मौत की सीआइडी जांच के आदेश दे दिये हैं. पश्चिम बंगाल पुलिस ने मंगलवार (8 दिसंबर, 2020) को यह जानकारी दी. पुलिस ने कहा है कि जांच में सच सामने आयेगा. ऐसे घृणित कृत्य की साजिश रचने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायेगी.
बंगाल पुलिस ने ट्वीट करके मंगलवार को बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी व्यक्ति ने उसे करीब से शॉटगन से मारा है. शॉटगन से घायल होने के बाद उसकी मौत हुई है. पुलिस शॉटगन का इस्तेमाल नहीं करती. इसलिए निश्चित तौर पर सिलीगुड़ी में सोमवार को हुए प्रदर्शन के दौरान कुछ लोग हथियार के साथ प्रदर्शन में शामिल हुए थे और उन्होंने ही फायरिंग की.
पुलिस ने कहा है कि उस व्यक्ति को करीब से किसी ने शॉटगन से गोली मारी और बाद में उसकी मौत हो गयी. यह अजीब-ओ-गरीब मामला है. प्रदर्शन में कोई हथियार के साथ शामिल था, उसने फायरिंग की और किसी को मालूम भी नहीं हुआ. किसी ने गोली चलने की आवाज नहीं सुनी. पुलिस ने कहा है कि जान-बूझकर हथियार का इस्तेमाल हुआ. वहां हिंसा भड़काने की सोची-समझी साजिश रची गयी थी.
पुलिस ने आगे कहा है कि पश्चिम बंगाल के अपराध अन्वेषण विभाग (सीआइडी) को मामले की जांच करने के लिए कहा गया है. सच्चाई जल्द ही सबके सामने आ जायेगी. इस घृणित अपराध के पीछे जो भी लोग होंगे, जिन लोगों ने भी इस तरह के कांड की साजिश रची है, उनका चेहरा सामने आयेगा और पुलिस उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी.
BJP की रैली में हिंसा, कैलाश विजयवर्गीय और तेजस्वी सूर्या पर FIR
सिलीगुड़ी में 7 दिसंबर को हुई बीजेपी की रैली में हिंसा हो गई थी। इसमें एक बीजेपी कार्यकर्ता की मौत भी हो गई थी। बीजेपी ने जहां आरोप लगाया था कि उसकी मौत पुलिस की गोली से हुई है, वहीं वेस्ट बंगाल पुलिस ने इन आरोपों का खंडन किया था।
कोलकाता/सिलीगुड़ी
पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में सात दिसंबर को बीजेपी द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा को लेकर कई पार्टी नेताओं पर एफआईआर दर्ज की गई है। मामले में वेस्ट बंगाल पुलिस ने बीजेपी के प्रदेश प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय और बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या समेत कई बीजेपी नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है। बीजेपी नेताओं पर हिंसा के लिए उकसाने का केस दर्ज किया गया है।
आपको बता दें कि राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बीजेपी ने अपने कई दिग्गजों को चुनावी प्रचार अभियान में उतार दिया है। इसी के तहत सिलीगुड़ी में 7 दिसंबर को हुए बीजेपी के एक कार्यक्रम में हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में बीजेपी के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता की मौत भी हो गई थी। आरोप था कि बीजेपी के कार्यकर्ता की मौत पुलिस की गोली से हुई है। जहां पुलिस ने आरोपों का खंडन किया था, वहीं मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी गई थी। अब मामले में वेस्ट बंगाल पुलिस ने बीजेपी नेताओं पर ही एफआईआर दर्ज की है।
सफेद झूठ बोल रही वेस्ट बंगाल पुलिस: विजयवर्गीय
इससे पहले दूसरी ओर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बुधवार को पश्चिम बंगाल पुलिस के इस दावे को गलत बताया कि वह पैलेट गन का इस्तेमाल नहीं करती। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस हाल की एक रैली के दौरान भगवा दल के एक कार्यकर्ता की हत्या के बारे में ‘सफेद झूठ’ बोल रही है। विजयवर्गीय ने एक छोटा वीडिया साझा किया जिसमें एक पुलिसकर्मी एक शॉटगन में कथित तौर पर गोलियां भर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में पुलिस जो कहती है और जो करती है उसमें भारी अंतर है।
पुलिस बोली- हम नहीं करते ऐसे हथियारों का इस्तेमाल
बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘यह साधारण फुटेज है, मेरे पास ऐसे दस वीडियो हैं जिससे साबित कर सकता हूं कि पश्चिम बंगाल पुलिस सफेद झूठ बोल रही है।’ बीजेपी कार्यकर्ता उलेन राय की सोमवार को सिलीगुड़ी में एक विरोध मार्च के दौरान गोली लगने से घायल होने के बाद मौत हो गई थी। इसके बाद पार्टी ने मंगलवार को अपनी रैलियों के दौरान पुलिस बर्बरता के विरोध में 12 घंटे के बंद का आह्वान किया था। पश्चिम बंगाल पुलिस ने पहले एक ट्वीट में कहा कि राय की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चलता है कि शॉटगन से चली गोली के जख्मों से उसकी मौत हुई है और पुलिस ऐसे हथियार का इस्तेमाल नहीं करती है।
ममता ने भी बोला था बीजेपी पर हमला
वहीं पुलिस ने कहा था, ‘यह स्पष्ट है कि सिलीगुड़ी में सोमवार के प्रदर्शन के दौरान सशस्त्र लोगों को लाया गया और उन्होंने आग्नेयास्त्रों से गोलियां चलाईं।’ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी भगवा दल पर ‘अपनी रैलियों में लोगों की हत्या’’ करने के आरोप लगाए और जानना चाहा कि क्या ऐसा दुष्प्रचार के लिए किया जा रहा है। बनर्जी ने रानीगंज में एक सार्वजनिक रैली में कहा, ‘बीजेपी झूठ बोलती है, लोगों की हत्या करती है, यह रैलियां करती है और लोगों की हत्या करती है। क्या आप यह सब प्रचार के लिए करते हैं क्योंकि रैली में ज्यादा लोग नहीं थे ? पुलिस इनका इस्तेमाल नहीं करती है… क्या आपने एक व्यक्ति को पैलेट से मार दिया ताकि प्रचार मिल सके, दुष्प्रचार किया जा सके?’