मेघालय में विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया है। तृणमूल कांग्रेस और एनपीपी दोनो पार्टियों के तीन विधायकों और एक निर्दलीय एमएलए ने बीजेपी का दामन थाम लिया है।
पूर्वोत्तर भारत में एक बार फिर बड़ी राजनीतिक घटना घटी है और इस बार यह मामला मेघालय से सामने आया है। 60 सदस्यीय मेघालय विधानसभा में चार अन्य विधायक भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। इसमें टीएमसी का और एक निर्दलीय विधायक के अलावा सत्तारुढ़ नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के दो विधायकों भाजपा में शामिल हो गए हैं। मेघालय विधानसभा में भाजपा के दो विधायक हैं, हालांकि तीनों विधायक पिछले महीने ही विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं।
नेशनल डेस्क: मेघालय में विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया है। तृणमूल कांग्रेस और एनपीपी दोनो पार्टियों के तीन विधायकों और एक निर्दलीय एमएलए ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने चारों विधायकों को पार्टी की सदस्यता दिलाई।
हम सरकार बनाने के लिए चुनाव लड़ेंगे
असम के मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि मेघालय में इस बार हम सरकार बनाने के लिए चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले हमारे 2 विधायक थे। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी मेघालय, त्रिपुरा और नागालैंड में अगामी विधानसभा चुनाव जीतने जा रही है। एनपीपी के नेतृत्व वाले मेघालय डेमोक्रेटिक एलायंस में बीजेपी सहयोगी है। तीन विधायकों के इस्तीफे के बाद 60 सदस्यीय विधानसभा में सदस्यों की संख्या घटकर 57 हो गई है। एनपीपी के सदन में 21 सदस्य, यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) के आठ विधायक, बीजेपी के दो विधायक हैं। वहीं, टीएमसी के 11 विधायक हैं।
जो विधायक बीजेपी में शामिल हुए हैं उनमें एनपीपी के बेनेडिक्ट मारक और फैरलीन संगमा तथा टीएमसी के विधायक हिमालय मुक्तन शांगप्लियांग शामिल हैं। जबकि निर्दलीय विधायक सैमुएल संगमा ने भी बीजेपी पार्टी की सदस्यता ली है। बता दें कि, तृणमूल कांग्रेस और एनपीपी के तीनों विधायक 28 नवंबर को ही विधानसभा अध्यक्ष मेटबाह लिंगदोह से राज्य सचिवालय में मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंप दिया था।